दिव्यालयः साहित्य यात्रा विमल तेरी याद में...
दिव्यलय परिवार के वार्षिकोत्सव में काव्य रस ने बांधा समां!
पटना (बिहार) संवाददाता सुनीता सिंह सरोवर: दिव्यालय साहित्य यात्रा पटल का भव्य व शानदार वार्षिकोत्सव शनिवार को प्राकृतिक संपन्नता से भरपूर बिहार की राजधानी पटना में सम्पन्न हो गया। इस दौरान भारत के विभिन्न प्रदेशों से पटल गुरुजन, साधक व अन्य गुरुजनो का आगमन हुआ।
कार्यक्रम के शुभारम्भ कृतिशेष कवि विमल जी की तस्वीर पर माल्यार्पण करते हुए पधारे हुए विशिष्ट अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। तत्पश्चात कल्पना निर्मल ने अपनी सुमधुर वाणी में गणपति वंदना प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। वहीं व्यंजना आनंद मिथ्या ने मृदुल स्वर में कविवर विमल जी द्वारा रचित वीणापाणी की वंदना प्रस्तुत कर सबके भावनिभोर कर दिया एवं आनंद मार्ग बेतिया प्राइमरी स्कूल के बच्चों ने गणपति वंदना प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।
वहीं साहित्यकारों, पटल गुरुजनों व साधकों ने विभिन्न विषयों पर स्वरचित व लाजवाब छंदोबद्ध रचनाओं का काव्य पठन कर समूचे सभागार को भावविभोर कर दिया। काव्य-पाठ के बाद दिव्यालय पटल की संस्थापिका व्यंजना आनंद मिथ्या ने सर्वप्रथम अपने गुरु रामनाथ साहू ‘ननकी’ जी का आभासी पटल पर सम्मान किया, जो आज कार्यक्रम में वैयक्तिक कारणों से अनुपस्थित रहे। तदुपरांत व्यंजना आनंद मिथ्या द्वारा पटल संरक्षक राजकुमार छापड़िया ‘कुँअर जी को दिव्यालय रत्न की उपाधि से नवाज़ा गया एवं पटल अध्यक्ष मंजरी निधि गुल जी को दिव्यालय स्तम्भ की उपाधि देकर सम्मानित किया। तदुपरांत व्यंजना दीदी को सभी पटल गुरुजनों ने सम्मानित किया एवं साथ ही व्यंजना आनंद मिथ्या ने भी सभी अन्य पटल गुरुजनों को सम्मानित किया। संचालक की भूमिका का निर्वाह मंजरी निधि गुल जी ने कुशलतापूर्वक किया। उन्होंने लाजवाब संचालन कर पूरे कार्यक्रम में चार चाँद लगा दिए।
इस दौरान कार्यक्रम में मुख्य संरक्षक राजकुमार छापड़िया, अध्यक्ष मंजरी निधि गुल, उपाध्यक्ष नरेंद्र वैष्णव सक्ति जी का उद्बोधन भी हुआ। तदुपरांत अध्यक्ष मंजरी निधि गुल ने विशिष्ट अतिथियों व अन्य मनीषा अग्रवाल प्रज्ञा, सुचिता रुंगटा साईं, राधिका सरावगी, मंजरी निधि गुल, पद्माक्षी दीदी, रश्मि मोयदे, कविता झा काव्या, राजकुमार गुरुजी, नरेंद्र वैष्णव शक्ति, ममता अग्रवाल स्नेह, पायल अग्रवाल, सविता वर्मा, मधु रुंगटा भव्या ने अपने काव्य पाठ से सबका मन मोह लिया।
दिव्यालय साहित्य यात्रा पटल की संस्थापिका व्यंजना आनंद मिथ्या ने अपने उद्बोधन में सभी पटल गुरुजनों, साधकों व सभागार में उपस्थित अपने गुरुवर व अन्य दर्शकों को धन्यवाद ज्ञापन करते हुए आज के भव्य व लाजवाब कार्यक्रम की भूरि-भूरि प्रशंसा की तथा आगत अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।