विश्व रक्तदाता दिवस के अवसर पर रक्त केंद्र में हुआ रक्तदान!
रक्त की उपलब्धता एक प्रभावी संसाधन: सिविल सर्जन
स्वास्थ्य विभाग और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाता है रक्तदान: नोडल अधिकारी
गोपालगंज (बिहार): बिहार राज्य एड्स नियंत्रण समिति पटना द्वारा आयोजित विश्व रक्तदाता दिवस का आयोजन सदर अस्पताल परिसर स्थित रक्तकेंद्र में रक्तदाता दिवस का आयोजन किया गया। इस अवसर पर रक्तकेंद्र के नोडल अधिकारी डॉ संजीव कुमार, लैब टेक्नीशियन मोहम्मद मोबिन और अंबालिका सिन्हा, जीएनएम रूबी सिंह और डाटा ऑपरेटर सचिन कुमार सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे। विश्व रक्तदाता दिवस के दिन लगभग एक दर्जन से अधिक रक्तदाताओं ने रक्तदान कर रक्त की कमी झेलने वाले मरीजों को नया जीवनदान देने में अपनी अहम भूमिका निभाई है।
रक्त की उपलब्धता एक प्रभावी संसाधन: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ बीरेंद्र प्रसाद ने बताया कि रक्त और रक्त उत्पाद गर्भावस्था और प्रसव से संबंधित पीडित महिलाओं के प्रभावी प्रबंधन के लिए अतिआवश्यक संसाधन हैं। क्योंकि मलेरिया और कुपोषण के कारण भी गंभीर रक्ताल्पता से पीड़ित बच्चे, रक्त और अस्थि मज्जा विकार वाले रोगी, हीमोग्लोबिन के विरासत में मिले विकार और प्रतिरक्षा की कमी की स्थिति, आपात स्थिति, आपदाओं और दुर्घटनाओं के शिकार, साथ ही उन्नत चिकित्सा और शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं से गुजर रहे रोगियों के रक्त की उपलब्धता एक प्रभावी संसाधन के तौर पर जाना जाता है। इस बढ़ती रक्त की मांग को पूरा करने के लिए स्वैच्छिक, अवैतनिक रक्त दाताओं की आवश्यकता है, जो नियमित रूप से रक्तदान करते हैं। एक प्रभावी रक्तदाता कार्यक्रम, जिसमें जनसंख्या की व्यापक और सक्रिय भागीदारी होती है।
स्वास्थ्य विभाग और अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा किया जाता है रक्तदान: नोडल अधिकारी
रक्त केंद्र के नोडल अधिकारी डॉ संजीव कुमार ने कहा कि जब तक हम लोग आगे नही बढ़ेंगे तब तक दूसरे को आगे बढ़ाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग और अन्य सामाजिक संगठनों सहित निजी तौर पर रक्तदाताओं द्वारा रक्तदान किया जाता है। ताकि खून की कमी से जूझ रहे मरीजों को सहयोग मिल सकें। जिस कारण हमलोगों द्वारा हमेशा रक्तदान किया जाता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और विभिन्न गैर सरकारी संस्था से जुड़े अधिकारी और कर्मी हर समय तत्पर रहते है। क्योंकि रक्तदान एक महान सामाजिक कार्य है। रक्तदान करने से गंभीर रूप से पीड़ित मरीजों को नया जीवन दान दिया जाता है। रक्तकेंद्र में रक्तदान से पूर्व अधिकारी या कर्मियों द्वारा रक्तदाताओं को जांच प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ता है। जिसमें हीमोग्लोबिन जांच, उच्च रक्तचाप, वजन, हेपेटाइटिस बी, हेपेटाइटिस सी, एचआईवी, सिफलिस और मलेरिया की जांच मुख्य रूप से शामिल है। ताकि इससे रक्तदाताओं को संभावित बीमारियों की जानकारी भी मिल जाती है। ताकि समय रहते रक्तदाता अपना इलाज करा सके।