जेल से रिहा हुए मनीष कश्यप! समर्थकों ने कन्धे पर बैठा कर उतारी आरती!
कहा - कला पानी की सजा काट कर आया हूँ। पत्रकारिता जारी रखूंगा।
पटना (बिहार): विगत नौ माह से जेल में बंद यूट्यूबर मनीष कश्यप शनिवार को जमानत पर जेल से बाहर आ गए हैं। जेल से बाहर आते ही मनीष के समर्थकों ने उन्हें माला पहनाकर आरती किया व स्वागत किया। तत्पश्चात उनके समर्थकों ने उन्हें कंधे पर बैठाकर नारे लगाए। इसके बाद खुली जीप में सवार होकर मनीष कश्यप काफिले के साथ आगे बढ़े। ऐसा माना जा रहा है कि मनीष कश्यप सबसे पहले दशरथ मांझी के गांव जाएंगे। जेल के बाहर भारी भीड़ देखकर उत्साहित मनीष कश्यप ने कहा
ये वो लोग हैं जिन्हें उम्मीद है कि बिहार में एक दिन बदलाव आएगा। मैं काला पानी का सजा काटकर बाहर आया हूँ। मैं अगर डर गया तो ये लोग समझेंगे कि एक पत्रकार को डरा दिया है, इसलिए मैं आगे भी पत्रकारिता करता रहूंगा।- मनीष कश्यप
मनीष कश्यप पर था ये आरोप!
मनीष कश्यप पर आरोप था कि उन्होंने तमिलनाडु में बिहार के मजदूरों के साथ मारपीट का फर्जी वीडियो बना कर सोशल मीडिया पर शेयर किया था, जिसके बाद वहाँ रह रहे बिहार के मजदूरों में पैनिक सिचुएशन क्रिएट हुआ। इस पर बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई यानि EOU ने यूट्यूबर के खिलाफ मामला दर्ज किया। इसके बाद लगातार उनकी मुश्किलें बढ़ती गई। वही केस दर्ज होने के बाद मनीष कश्यप पर बिहार छोड़कर फरार होने का भी आरोप लगा था। इधर लगातार छापेमारी के बाद भी वह जब नहीं मिले तो बेतिया जिले में स्थित उनके घर पर 18 मार्च को दूसरे मामले में कुर्की जब्ती की कार्रवाई शुरू कर दी गयी। इस बीच बढ़ते दबाव को देख मनीष कश्यप ने उसी दिन स्थानीय थाने में सरेंडर कर दिया। इसके बाद EOU ने उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ की और जेल भेज दिया। चूंकि मामला तमिलनाडु से जुड़ा था तो तमिलनाडु पुलिस भी उसे वहां ले गई थी। मनीष कश्यप कई महीने तक तमिलनाडु के जेल में भी बंद रहे।
शुक्रवार को ही मिल गई थी जमानत!
मनीष कश्यप को शुक्रवार को ही जमानत मिल गई थी, लेकिन कागजात में गड़बड़ी की वजह से उन्हें एक दिन और जेल में रहना पड़ा। जेल प्रशासन को जो कागजात मिले थे, उसमें नाम में अंतर था। दरअसल मनीष कश्यप का वास्तविक नाम त्रिपुरारी कुमार तिवारी है, लेकिन शुक्रवार को जेल प्रशासन को जो आदेश मिला था, उसमें त्रिपुरारी कुमार लिखा हुआ था। इसके बाद शनिवार को कोर्ट आदेश में नाम सुधार के साथ जब कागजात पहुंचा तो बेऊर जेल प्रशासन ने उसे जमानत पर रिहा कर दिया है।