दूसरों को सुरक्षा की गारंटी देने वाले खुद असुरक्षित! बंदी गृह की छत से गिरा चट्टान!
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: माँझी थाना के बंदी गृह की छत से सोमवार को अचानक बड़ा सा चट्टान टूटकर गिर पड़ा। परन्तु यह सौभाग्य ही था कि उस समय कोई भी किसी बंदी गृह में कैद नहीं था अन्यथा कोई बड़ा हादसा हो सकता था।
बताते चलें कि अंग्रेजो के जमाने का बना थाना जर्जर हालत में आ चुका है। न तो थाना भवन सुरक्षित है और ना ही पुलिस कर्मियों के रहने के लिए बना सरकारी क्वार्टर। हालत यह है कि बरसात के दिनों में थाना भवन में रखा गया उपस्कर, कम्प्यूटर व कागजात प्लास्टिक से ढंक कर रखना पड़ता है। थाना भवन में संचालित कार्यालय, कक्ष अथवा बरामदे की छत से यदा कदा चट्टान टूटकर गिरते रहता है।
आज सोमवार को हाजत का मलवा गिरने और किसी के हताहत नहीं होने पर फिलहाल पुलिस पदाधिकारी ने राहत की सांस ली है। थोड़ा भी बरसात होने पर पूरे थाने सहित क्वार्टर में पानी टपकने लगता है। बारिस होने पर थाने में बैठने को कौन कहे खड़ा होने तक जगह नहीं रहता। पुलिस पदाधिकारी एवं जवान बैठ कर रात गुजारते हैं। थाना भवन के बरामदे का छज्जा पूर्ण रूप से टूटकर गिर चुका है। भवन के छत व लिंटर से नीचे लटक रहे जंग खा चुके लोहे के तार भवन की भयावहता बयां कर रहे हैं। थाना भवन की जर्जर हालत को देखते हुए थानाध्यक्षों द्वारा कई बार वरीय पदाधिकारियों को इस बदहाली से अवगत भी कराया गया लेकिन आज तक जर्जर थाना भवन के मरम्मती अथवा नए भवन के निर्माण की दिशा में विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नही उठाया गया। फलस्वरूप माँझी थाना में पदस्थापित पुलिस कर्मी के साथ साथ गिरफ्तार किए जाने वाले कैदी जर्जर भवन के धराशायी होने अथवा टूट कर लटक रहे चट्टान के गिरने की आशंका से भयभीत रहते हैं।