/// जगत दर्शन न्यूज
"दिव्यालय एक व्यक्तित्व परिचय" में हुआ साक्षात्कार!
अतिथि : आरती खंडेलवाल
होस्ट: किशोर जैन
चंद कदम ही चल रे बंदे,
मन में रख तू धीर।
हौसलें ही तय करेंगे,
मंजिलों की पीर।।
दुनिया में तरह तरह के लोग होते हैं। कुछ कामयाबी के शिखर को छूते हैं, तो कुछ अपनी अलग ही पहचना बना लेते हैं। कुछ में जबरदस्त जूनून होता हैं तो, कुछ एक से अधिक प्रतिभा के धानी होते हैं। ऐसे लोग सभी के दिलों पर राज करते हैं। आज दिव्यालय आपको ऐसे ही बहुमुखी प्रतिभा से धनी अपने मेहमान आरती खंडेलवाल से रूबरू करवा रहा है। उनके स्वागत में चंद पंक्तियां पेश करता हूँ..
हौसले बुलंद कर रास्तों पर चल दे,
तुझे तेरा मुकाम मिल जाएगा।
बढ़कर अकेला तू पहल कर देखकर, तुझको, काफिला खुद बन जाएगा।।
किशोर जैन: आप कहाँ से हैं?
आरती खंडेलवाल: जी मैं ओडिशा से हूँ।
किशोर जैन: आपका आर्ट बसेरा इंस्टीट्यूट क्या है, हमारे लिससर्न को बताएं।
आरती खंडेलवाल: दर असल मैं कुछ अलग करना चाहती थी, और ईश्वर में मेरी शुरू से बहुत आस्था थी, साथ ही मेरी माँ ने हमेशा एक नए आयाम को गढ़ने को प्रेरित किया, उसी का फल स्वरूप ये आर्ट बसेरा है, जहाँ मैं देश के विभिन्न कोनों से जुड़े अपने छात्रों को आर्ट सीखाती हूँ। जैसे कान्हा राधा श्रृंगार, रंगोली, आदि।
किशोर जी: आपने कितने एशिया वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए, हमारे दर्शक जरूर जानना चाहेंगे?
आरती खंडेलवाल: सब ईश्वर की मर्जी वो जो चाहता है करवा ही लेता है मैं तो सिर्फ एक माध्यम बनी। दर असल कोरोना के दौरान मेरे घर के पास के ही मंदिर में मैने आग्रह किया की इस बार गणपति बप्पा को एक नायाब अंदाज में स्वागत, वंदन और अभिनंदन करें, तो इस कार्य में मेरा बेटा भी बहुत उत्साहित था। फिर क्या था हम दोनों माँ बेटे ने एक अद्भुत रंगोली के माध्यम से इक्यावन गणपति जी की आकृति बना कर, एक रिकॉर्ड कायम किये। इसी तरह मेरे छोटे बेटे के साथ भी एक रिकॉर्ड बना और अन्य कई संस्थाओं के माध्यम से गरबा नृत्य का भी रिकॉर्ड बना।
किशोर जैन: आप का मोटो अभी 1100 बच्चों का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का है तो आप उनकी कैसे हेल्प करेंगी?
आरती खंडेलवाल: जी मैं बच्चों को प्रेरित करती हूँ, ताकि वे कुछ सीखें, कुछ नया करें, भिन्न- भिन्न आर्ट, कुछ लोक नृत्य के कला में निपुण हैं, तो कुछ आइल डेकोरेशन, कुछ रंगोली में तो मैं सिर्फ उनके इस कला को प्रोत्साहित कर उकेरती हूँ, जिससे वे एक इतिहास रचा सके।
किशोर जैन: आपसे सिर्फ बच्चे और युवा वर्ग ही जुड़ा है या ओल्ड पिपल भी?
आरती खंडेलवाल: जी मुझसे हर वर्ग के लोग जुड़े हैं, जो जीवन में कुछ नया करना चाहते हैं, अभी हाल में ही इसी जन्माष्टमी के शुभ अवसर पर मेरी एक सहेली ने कान्हा पार्लर खोला है और उनके तीन क्लाइंट भी बन गए। इसी तरह और भी कई लेडीज जेंन्स इस पेशे को अपना जीविकोपार्जन का माध्यम बना घर बैठे काम कर रहे हैं।
किशोर जैन: आपकी प्रेरणा श्रोत कौन है?
आरती खंडेलवाल: जी इन सबके पीछे मेरी माँ ही मेरा प्रेरणा स्रोत बनी। उनकी सीख उनके दिखाए रास्ते पर चलकर ही आज रह सब हासिल हुआ है और आगे अभी बहुत कुछ नया करना चाहती हूँ।
किशोर जैन: जाते जाते आप युवाओं को क्या संदेश देना चाहतीं हैं?
आरती खंडेलवाल: जी यही की गुण जितना हो सके बाॅंटा जाए। मानव जीवन तभी सफल है, जब वो औरों की लबों पर मुस्कान लाए।
अंत में बेहतरीन संचालन कर रहे यू.के. से किशोर जैन ने अपने अतिथि को धन्यवाद दिया। इस नेक व सराहनीय कार्य के लिए दिव्यालय की संस्थापक व कार्यक्रम आयोजक व्यंजना आनंद 'मिथ्या' और अध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक मंजिरी निधि 'गुल'जी को कार्यक्रम आयोजन के लिए धन्यवाद दिया तथा बताया कि इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण Vyanjana Anand Kavya Dhara यूट्युब चैनल पर लाइव हर बुधवार शाम सात बजे हम देख सकते हैं या उसकी रेकॉर्ड वीडियो को बाद में देखा जा सकता है। पूरे दिव्यालय परिवार की तरफ से उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आप के हौसले को कोटि- कोटि नमन है।