रक्षा बंधन पर बांधे ये खास राखी!
माँझी के सिक्की से निर्मित खास राखियां तैयार कर रही है जीविका समूह की महिलाएं!
👍 खास पहल 👍
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: भाई बहनों के पर्व रक्षाबंधन में इस बार सारण की सिक्की घास की बनी इको फ्रेंडली राखियाँ भाइयों की कलाइयों पर सजेंगी। अलग अलग डिजाइनों में तैयार रंग विरंग की राखियां सारण के मांझी प्रखंड की आदर्श पंचायत बरेजा स्थित कुशाग्राम जीविका समूह की महिलाएं तैयार कर रही हैं। सिक्की उत्पादक समूह की 25 महिलाएं रक्षाबंधन के लिए सिक्की/कुश की घास से अनोखे राखी का निर्माण कर रही हैं।
मुखिया जी का कहना है:
स्थानीय पंचायत के मुखिया राजेश पाण्डेय ने बताया कि मांझी में जीविका समूह से जुड़ी यह महिलाएं प्रतिदिन सिक्की घास की 400-450 पीस राखियां बना रही हैं। समूह की महिलाएं राखियों का निर्माण कर खुद उनकी पैकिंग भी करती हैं। यह राखियां पूरी तरह से इको फ्रेंडली हैं।
जीविका दीदी शून्य से बढ़ रही है आगे!
सतत जीविकोपार्जन योजना से जुड़ी अत्यंत गरीब 25 महिलाओं के द्वारा इन राखियों का निर्माण किया जा रहा है। इन महिलाओं का परिवार पहले देसी -शराब एवं ताड़ी के धंधे में संलिप्त था। बाद में जिला इकाई एवं मांझी प्रखंड की एसजेवाई की टीम के मार्गदर्शन में जीविका समूह से जुड़ी दीदियां सामाजिक एवं आर्थिक विकास की राह पर अग्रसर हो रही हैं। सिक्की घास से बनी राखियों को बना कर जीविका दीदी अपने साथ साथ अपने परिवार को आर्थिक रूप से समृद्ध कर रही हैं।
खास राखियों की ये है कीमतें!
बाजार में इन राखियों की कीमत 10 रुपये, 30 रुपये और फिर 60 रुपये तक है। 10 रुपये की राखी की लागत खर्च चार रुपये, 30 रुपये की राखी की लागत खर्च 10 रुपये एवं 60 रुपये की राखी निर्माण की लागत खर्च अमूमन 25 रुपये बताई जा रही है। इसी हिसाब से जीविका दीदियां स्वनिर्मित राखियों को थोक भाव से बेच रही हैं।