मैंने नहीँ देखा!: अजनवी
/// जगत दर्शन न्यूज
युग बदला
समय बदला
जमाना बदला
लोग बदलें पर
मैने नहीँ देखा
बेटा बदला
बेटी बदली
परिवार बदला
समाज बदली
गाँव बदली पर
मैने नहीँ देखा
आपस में प्रेम
फैशन में नँगापन
दंगा फसाद
लूट बलात्कार
चोरी डैकती
सब कुछ देखा
पर मैं नहीँ देखा
सच कहूँ जब
नेता बईमान हो
अफसर घूसखोर हो
आपसी वैमनस्य हो
एक दूजे को नीचा
दिखाना फिदरत हो
तो क्या देखना
जब चाह कर भी
कोई बदलाव नहीँ
कर सकता
लोगों की फिदरत
नहीँ बदल सकता
तो फिर क्या देखना
देखा तो सब कुछ
पर देखकर भी
मैंने कुछ नहीँ देखा
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