न्यायालय के निर्णय के बावजूद भी डॉ पीएन सिंह कॉलेज में समस्या ज्यों का त्यों! अब लूट खसोट का लगा आरोप!
सारण (बिहार): माननीय उच्च न्यायालय के निर्णय के बाद भी डॉ पी.एन.सिंह डिग्री कॉलेज छपरा में समस्या ज्यों का त्यों है। एक तरफ शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मचारी अनुदान राशि के बिना जीवकोपार्जन चलाने में असमर्थ है वहीं प्रतिदिन के विवाद में उलझे रहने से मानसिक रूप से भी दबाव झेल रहे है।
वहीं महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ नागेश्वर प्रसाद सिंह ने आज रविवार को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कुछ शिक्षको पर शासी निकाय की अवहेलना करने का आरोप लगाया है। अपने विज्ञप्ति में कहा गया है कि मनमानी ढंग से कार्य करने के लिए हिम्मत जुटाने वालों में प्रो. राकेश कुमार सिंह एवं अन्य ने सभी हदें पार कर दी, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। वही महाविद्यालय का पोर्टल एवं आईडी नंबर बदलकर धोखाधड़ी का नया जीता जागता उदाहरण पेश किया है जिससे लूट खसोट किया जा सके।
आगे विज्ञप्ति में बताया गया है कि विश्वविद्यालय द्वारा लंबे समय से चल रहे तदर्थ समिति के सचिव द्वारा कनीय शिक्षक को प्रभारी प्राचार्य बनाए जाने के कारण, क्योंकि राज्य सरकार का निर्देश है कि महाविद्यालय के वरीय शिक्षक को ही प्रभारी प्राचार्य बनाना है, लेकिन तदर्थ समिति के माननीय सचिव द्वारा कनीय शिक्षक को ही प्रभारी प्राचार्य बनाया गया, जिसके कारण विश्वविद्यालय द्वारा वित्तीय अधिकार पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। फिर भी तदर्थ समिति को भंग कर स्थाई शासी निकाय का गठन करने का विश्वविद्यालय द्वारा निर्णय लिया गया। वहीं स्थाई शासी निकाय का गठन भी हुआ, जिसके अध्यक्ष छपरा के भाजपा विधायक डॉ सीएन गुप्ता है। शासी निकाय विधिवत कार्य करना प्रारंभ कर थी, परन्तु अचानक महामहिम राजभवन से एक आदेश आया, जिसमें कहा है कि स्थाई शासी निकाय को भंग करते हुए पूर्व में कार्यरत तदर्थ समिति के सचिव माननीय महाराजगंज सांसद श्री जनार्दन सिंह सिग्रीवाल की कमेटी डॉ पीएन सिंह डिग्री कॉलेज में कार्य करेगी। दिनांक 28 जून 23 को तदर्थ समिति के रहे प्रभारी प्रो. विनोद कुमार सिंह एवं कुछ अन्य शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मी द्वारा महाविद्यालय के प्राचार्य कक्ष में लगे ताला को तोड़ प्राचार्य कक्ष एवं उनमें रखें कागजातो पर अपना कब्जा जमा लिया। पुनर बहाल तदर्थ समिति के खिलाफ शिक्षक प्रतिनिधि प्रोफ़ेसर हरिवल्लभ मिश्र ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर किया। दिनांक 13 जुलाई 2023 को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा तदर्थ समिति के स्थगन का आदेश जारी हुआ एवं नियमित शासी निकाय को सक्षम मानते हुए कार्य करने का निर्देशित किया गया है, लेकिन अभी तक अवैध रूप से कब्जा जमाए प्रो. विनोद कुमार सिंह प्रो. मनोज कुमार सिंह, रामाकांत सिंह तथा कुछ अन्य शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मी है, जिसके चलते महाविद्यालय के शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मियों में काफी रोष है।
इस सम्बंध में अध्यक्ष सह विधायक डॉ सीएन गुप्ता ने भी स्थायी शासी निकाय को अवगत कराया है। सच क्या है यह तो जाँच का विषय है। इसके जल्द से जल्द निराकरण पर भी शासकीय इकाई को ध्यान देना चाहिए ताकि शिक्षण कार्य भी विधिवत चल सके।