पशु पक्षियों के साथ पुजारी की मित्रता की चर्चा सोशल मीडिया पर।
रिपोर्ट: मनोज सिंह
सारण (बिहार): संत महात्मा दयालु स्वभाव के होते हैं तथा प्रत्येक जीवों के प्रति दया भाव रखना साधु संतों को आम जन से अलग विलक्षण स्वरूप प्रस्तुत करता है।
माँझी के रामघाट स्थित हनुमान वाटिका के पुजारी संत रामप्रिय दास की दयालुता व पशु पक्षियों से अनूठे प्रेम की चर्चा आजकल सोशल मीडिया पर खूब देखने को मिल रही हैं। पशु पक्षियों के साथ संत रामसेवक दास के दोस्ताना रिश्तों को देखकर लोग दांतों तले उंगली दबा लेते हैं। बंदरों के झुंड के बीच बैठकर उन्हें बच्चों की तरह बिस्किट व फल आदि खिलाना, खूँखार सांढ को निडरता पूर्वक अपने हाथों रोटी खिलाना, संत के एक बार बुलाने पर सैकड़ों कौवों के उनके इर्द गिर्द जमीन पर उतर आना कुत्तों की फौज को खाना खिलाने की चर्चा आजकल सोशल मीडिया पर खूब हो रही हैं।
पुजारी रामसेवक दास की एक आवाज सुनकर सैकड़ों कौवे मन्दिर परिसर में भंडारा का प्रसाद ग्रहण करने आ धमकते हैं। सड़कों पर खुला विचरण करने तथा लोगों पर हमलों की वजह से खूंखार माना जाने वाला एक विशाल सांढ मन्दिर परिसर में सुबह शाम उक्त संत के हाथों प्रसाद खाने आता है। पशु पक्षियों को प्रसाद खिलाने के संतों के अनूठे प्रयोग देख मन्दिर परिसर में मौजूद श्रद्धालु भी दंग रह जाते हैं। इतना ही नही साधु संतों के ठहरने तथा भूखों को भोजन कराने के साथ साथ घर परिवार से हैरान परेशान लोग रामघाट पहुँच कर जब रेल पुल से छलांग लगाने अथवा नदी में डूब कर अपनी जान देने का प्रयास करते हैं तो हनुमान वाटिका में मौजूद संत उन्हें पकड़कर न सिर्फ उनकी प्राण रक्षा करते हैं बल्कि मन शांत होने पर उन्हें समझा बुझाकर आत्महत्या जैसे जघन्य पाप करने से रोकने में भी महती भूमिका निभाते हैं।