महिला पहलवानों और " WFI" अध्यक्ष के संवेदनशील मामले की जांच सीबीआई व सक्षम जांच एजेंसी से हो!- धीरेन्द्र सिंह सोलंकी व शैलेश कुमार गिरि

शैलेश कुमार गिरि
/// जगत दर्शन न्यूज़
दिल्ली: भारतीय हलधर किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष धीरेन्द्र सिंह सोलंकी व बिहार झारखण्ड के प्रदेश प्रभारी शैलेश कुमार गिरी का ब्रजभूषण शरण सिंह मामले को लेकर बड़ा बयान आया है। दोनो नेताओं ने महामहिम राष्ट्रपति महोदया व माननीय प्रधानमंत्री से विनती करते हुए मामले का उच्च स्तरीय जाँच करने का निवेदन किया है। अपने बयान में नेता द्वय ने कहा है कि 6 बार से लगातार सांसद पद पर विजय प्राप्त करने वाले श्री ब्रजभूषण शरण सिंह ने भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद को श्री दीपेन्द्र हुड्डा को हराकर हासिल किया था। विगत 11 वर्षों से वह लगातार इस पद पर काबिज हैं, किन्तु इससे पूर्व कभी किसी ने भी उनके विरुद्ध यौन शोषण का आरोप नहीं लगाया था।
जब जाँच कमेटी को श्री ब्रजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध कोई साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए तो एक जाति विशेष के कुछ पहलवानों द्वारा अपनी जाति की खाप पंचायतों से मदद की गुहार लगाई और उनकी जाति विशेष की खाप पंचायतें पुनः जन्तर-मंतर में धरने पर बैठ गई, क्योंकि उन्हें भारतीय कुश्ती महासंघकामना अध्यक्ष पद पर जाति विशेष अर्थात क्षत्रिय जाति का अध्यक्ष सहन नहीं हो पा रहा था। चूंकि श्री ब्रजभूषण शरण सिंह काम कार्यकाल इसी वर्ष समाप्त हो रहा है तो उन सभी खाप पंचायतों के लोग अध्यक्ष पद पर अपनी ही जाति विशेष का अध्यक्ष चाहते हैं। यह एक सोची-समझी साजिस है। इन दोनों नेताओं ने माँग में कहा है कि
(1):- श्री ब्रजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध CBI अथवा किसीको उच्च सक्षम जाँच कमेटी द्वारा निष्पक्ष जाँच करायी जाए। यदि श्री ब्रजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध लगाए गए कथित यौन शोषण की पुष्टि होती है तो कानून के तहत नियमानुसार उन्हें दण्डित किया जाय।
(2):- यदि दोषसिद्ध नहीं होता है तो झूठे, मनगढंत आरोप लगा कर श्री ब्रजभूषण शरण सिंह के मान-सम्मान और आम छवि खराब करने वालों एवं उनको प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग करने वालों के विरुद्ध कड़ी से कड़ी कानूनी कार्यवाही कर दण्डित किया जाए ताकि भविष्य में कोई अन्य इस तरह झूठे-मनगढंत आरोप लगाकर बदनाम करने की हिम्मत न कर सके।
(3):- जाति विशेष के लोगों द्वारा जाति विशेष का नाम देकर जातीय हिंसा को बढ़ावा देने वालों एवं देश की शान्ति व्यवस्था को प्रभावित करने वालों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाए।
(4):- यदि जाँच में दोषसिद्ध हुए बिना जाति विशेष के दबाव में जाति विशेष के निर्दोष श्री ब्रजभूषण शरण सिंह के विरुद्ध कोई दण्डनीय कार्यवाही अमल में लायी जाती है तो भारतीय हलधर किसान यूनियन न्याय और सत्य का साथ देते हुए देशव्यापी किसान आंदोलन प्रारम्भ करने के लिए विवश होगा, जिसका पूर्ण दायित्व केन्द्र सरकार का होगा।
बताते चले की दिल्ली के जन्तर-मंतर, दिल्ली में विगत काफी समय से कुछ महिला पहलवानों द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष 65 वर्षीय श्री ब्रजभूषण शरण सिंह (सांसद) के विरुद्ध कथित यौन शोषण का आरोप लगाकर धरना शुरू किया गया था। किन्तु किसी भी पीड़ित महिला पहलवान द्वारा न तो कोई FIR दर्ज़ करायी गयी थी और न ही कोई साक्ष्य प्रस्तुत कर सकी थी, जिसके कारण एक जाँच कमेटी के गठन के नाम पर उन्होंने अपना धरना वापस ले लिया था।