सारण में जहरीली शराब से मौत मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की आयी रिपोर्ट!
बिहार में शराबबन्दी है फेल! मरने वालों को दिया जाए मुआवजा!
पटना (बिहार): बिहार के सारण में जहरीली शराब से मौत मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) की रिपोर्ट आ गई है।
क्या बताया गया है रिपोर्ट में?
आए रिपोर्ट में बताया गया है कि सारण शराब कांड में 77 लोगों के मौत की हुई थी तथा कई लोगों के आंखों की रौशनी भी चली गयी है। वहीं सरकारी आकड़ों के मुताबिक मात्र 42 लोगों के जान जाने की बात कही गई थी। मानवाधिकार आयोग की रिपोर्ट सामने आने के बाद जिला प्रशासन और सरकार पर भी सवाल उठने शुरू हो गए है। उक्त मामले में पहले जिला प्रशासन ही जहरीली शराब (spurious liquor) से मौत की बात झुठलाती रही थी।
राजनीति बवाल भी सामने आए थे।
बिहार के सारण जिले में जहरीली शराब कांड के बाद खूब बवाल भी हुआ था। बीजेपी ने बिहार में शराबबंदी को फेल बता कर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) से इस्तीफे की भी मांग की थी। वहीं बिहार विधानसभा में भी इसको लेकर खूब बवाल हुआ था। तब नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने इसे सामूहिक नरसंहार बता कर मृतक के परिवार को मुआवजा भी देने की मांग की थी।
जांच की हुई थी सिफारिश!
उक्त घटना के बाद छपरा के सांसद राजीप प्रताप रूडी (Pratap Rudy) ने जहरीली शराब से हुई मौत के मामले के जांच की मांग की थी। तब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम यहां जांच करने के लिए पहुंची थी। टीम ने यहां 21, 22 व 23 दिसंबर को रहकर मामले की जांच की थी, जिसके बाद जांच रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि यहां जहरीली शराब पीने से 77 लोगों की मौत हुई। सिर्फ इतना ही नही 32 लोगों के शव को बिना पोस्टमार्टम के ही जला दिए गए। मरने वालों में ज्यादातर किसान, मजदूर, ड्राइवर, चाय बेचने वाले, फेरी वाले हैं। ये सभी पिछड़ी जातियों के हैं। जांच करने पहुंची टीम ने यह भी कहा है कि उन्हें छपरा में जांच करने के दौरान कोई सहयोग नहीं मिला। उन्होंने पीड़ित परिवार से बात कर इस संबंध में जानकारी जुटाई।
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने भी मुआवजा देने की बात कही!
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की टीम ने पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की बात कही है। आयोग ने कहा कि पीड़ित परिवार को पुनर्वास के लिए चार लाख रुपए दिया जाए। इसके साथ ही पटना हाईकोर्ट की एक टिप्पणी का जिक्र करते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह फेल है। बता दें कि शराब कांड के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने मुआवजा देने की मांग को यहकह कर खारिज कर दिया था कि जो पिएगा वह मरेगा।