दिव्यालय एक साहित्यिक यात्रा" ने किया "विमल तेरी याद में" भव्य कवि सम्मेलन एवं गर्ल्स प्राउटिष्ट सिंम्पोजियम!
बेतिया (बिहार): दिव्यालय नामक छन्द विद्यालय की स्थापना पर देश के महान साहित्यकार स्वर्गीय विमल राजस्थानी की स्मृति में लगभग समस्त छन्दों का ज्ञान रखने वाली छंदशास्त्री व्यञ्जना आनन्द जी के संयोजन में दो दिवसीय इस कार्यक्रम में देश के कोने-कोने से आये साहित्यकारों व कवियों को विमल राजस्थानी रत्न सम्मानित किया गया तथा हिंदी, उर्दू व भोजपुरी भाषी कवियों ने अपने काव्यपाठ से बेतिया के समस्त स्रोताओं को ताली बजाने पर मजबूर कर दिया। इस कार्यक्रम में काशी की धरती से पधारे शिव प्रकाश साहित्य ने अपने अद्भुत संचालन से एक रचनात्मक संचालन शैली में सभी कवियों को तथा स्रोताओं तो अन्त तक अपने शब्दजाल में बाँधें रखे।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ गोरख मस्ताना जी किये तथा मुख्य अतिथि के रूप में उदय नारायण सिंह जी रहे। वही विशिष्ट आतिथ्य आचार्य गुणीन्द्रानन्द अवधूत, नरेन्द्र वैष्णव शक्ति, डॉ वीरेन्द्र मालिक तथा कृष्ण कुमार क्रान्ति जी को प्राप्त था। प्रमुख कवियों क्रमशः खुशबू मिश्रा, सुनीता सिंह 'सरोवर', सुनील गुप्त, पुष्पा निर्मल, कवि कुमार निर्मल, डॉ जफ़र इमाम, सुचिता रूंगटा, अरुण गोयल, नागेंद्र सिंह, अवधुतिका आनन्द कल्याणमया, अनिल अनल जी, कमरुज़्ज़मा क़मर, जय किशोर जय, निखिलचन्द्र, अखिलेश्वर मिश्र, चन्द्रिका राम, सुन्दर दीदी, डॉ जाकिर हुसैन व राजू रौनियार ने अपनी अद्भुत लेखनी का परिचय देते हुए हृदयस्पर्शी रचनाओं से सभी को देर रात तक ऐसे झुमाते रहे, मानो भ्रमरे के मधुरगीत पर पुष्प झूमने लगते हैं।
भारतवर्ष के धरोहर विमल राजस्थानी के पुत्र कविकुमार निर्मल ने बताया कि पिताजी जीवन के अन्तिम क्षण तक साहित्य की अनवरत सेवा करते रहे। अन्त में व्यञ्जना आनन्द ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि ये कार्यक्रम अगले आयोजन तक स्थागित किया जाता है। आशा है आज की तरह ही आप सभी मेरे हर आमन्त्रण पर निःसंकोच पधारेंगे। साथ ही अगले दिन आनन्द मार्ग के तत्वावधान में बालिकाओं के प्रगतिशील भविष्य को ध्यान में रखते हुए एक गर्ल प्राउटिष्ट कार्यक्रम का आयोजन भी हुए, जिसमे मुख्य आतिथ्य वार्ड-13 पार्षद रिंकू देवी जी ने स्वीकारा। जिसमें आचार्य गुणीन्द्रानन्द अवधूत ,आचार्या कल्याणमया, आनन्द देशना आचार्या, आनन्द प्रभा आचार्या, आनन्द प्राप्ति आचार्या, आनन्द सुब्रता आचार्या तथा शिव प्रकाश साहित्य की गौरवमयी उपस्थिति में तथा व्यञ्जना के सञ्चालन तथा संयोजन में ये दोनों कार्यक्रम बेतिया में इतिहास रचने में सफल रहा। इस कार्यक्रम के दौरान बेतिया नगर की चार बेटियाँ पूर्णिमा, विनीता, प्राची तथा सुन्दरम वर्दी सहित प्रमुख वोलेंटियर के रूप में दिखीं।