■ मन ■
एक वेष मन का ,
पहचान बना देता आपकी,
ला देता हृदय के पास उनके
जो आपके हो मन का। ।
अभिव्यक्ति का साधन बन
मार्ग प्रशस्त कर देता
भाषा सोच को
पहुंचा देता सैकड़ों में वाणी बन। ।
कई बार स्वांग भी रच जाते
शब्दों के फुलवारी से ,
खेल भी,मतभेद भी,प्रेम भी,
हर रूप को भाषा से ही जान पाते। ।
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©️ प्रेरणा सिंह