कालाजार उन्मूलन अभियान-
जिले के कालाजार प्रभावित दरौली और हसनपुरा को छोड़कर शेष सभी 17 प्रखंडों में आज से होगा छिड़काव!
मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सहायता राशि देने का प्रावधान: सिविल सर्जन
60 दिनों तक जिले के लगभग 08 शहरी क्षेत्रों के अलावा 97 पंचायतों के लगभग 140 राजस्व गांवों में छिड़काव कार्य का होगा शुभारंभ: डॉ ओपी लाल
जिले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत अभियान लिए सिंथेटिक पायरोथायराइड (एसपी) कीटनाशक छिड़काव जिले के कालाजार प्रभावित दरौली और हसनपुरा को छोड़कर शेष सभी 17 प्रखंडों में 21 जुलाई से द्वितीय चरण का छिड़काव शुरू होने वाला है। जिसको लेकर सभी प्रकार की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। जिसमें प्रखंडवार सभी एसएफडब्ल्यू एवं एफडब्ल्यू कर्मियों को पीरामल स्वास्थ्य के सहयोग से विभागीय अधिकारियों द्वारा प्रशिक्षण दिया जा चुका है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि कालाजार मादा फ्लैबोटोमस अर्जेंटिपस (बालू मक्खी) के काटने के कारण होता है, जो लीशमैनिया परजीवी का वेक्टर (या ट्रांसमीटर) है। किसी मनुष्य को काटने के बाद भी अगर वह उस मानव के खून से युक्त है तो अगला व्यक्ति जिसे वह काटेगा वह संक्रमित हो सकता है। इस प्रारंभिक संक्रमण पश्चात बाद के महीनों में यह बीमारी और अधिक गंभीर रूप ले सकती है, जिसे आंत में लिशमानियासिस या कालाजार कहा जाता है। हालांकि कालाजार से पीड़ित रोगियों को मुख्यमंत्री कालाजार राहत योजना के तहत श्रम क्षतिपूर्ति के रूप में सहायता राशि देने का प्रावधान किया गया है।
इस संबंध में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ ओम प्रकाश लाल ने बताया कि उक्त अभियान जुलाई से सितंबर यानी अगले 60 दिनों तक जिले के लगभग 08 शहरी क्षेत्रों के अलावा 97 पंचायतों के लगभग 140 राजस्व गांवों में छिड़काव कार्य का शुभारंभ होने वाला है। हालांकि कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम को शत प्रतिशत सफ़ल बनाने के लिए जिलेवासियों को मच्छरदानी लगाकर सोने, घरों के आसपास साफ- सफाई रखने और नालियों को साफ रखने सहित कई अन्य प्रकार की मच्छर जनित रोगों से बचाव को लेकर जागरूक किया जाएगा। साथ ही स्वास्थ्य कर्मियों के माध्यम से उक्त जानकारी लोगों तक पहुंचाई जाएगी, ताकि लोगों को वेक्टर जनित रोग जैसे कालाजार, मलेरिया, डेंगू से बचाव के लिए प्रेरित किया जा सके। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि छिड़काव के पूर्व घर के अंदरूनी दीवार की छेद और दरार को बंद कर दें, घर के सभी कमरों, रसोई घर, पूजा घर एवं गोहाल के अंदर दीवारों पर छः फीट तक छिड़काव अवश्य कराएं एवं छिड़काव के दो घंटे बाद घर में प्रवेश करें, छिड़काव के पूर्व भोजन सामग्री, बर्तन, कपड़े आदि को घर से बाहर रखना बेहतर होता है। वहीं ढाई से तीन माह तक दीवारों पर किसी प्रकार की लिपाई- पोताई नहीं करना चाहिए, ताकि कीटनाशक (एसपी) का असर बना रहे।
जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार (डीवीबीडीसी) नीरज कुमार सिंह ने बताया कि जिले के दरौली और हसनपुरा प्रखंड को छोड़कर शेष सभी 17 प्रखंडों के लगभग 106 स्वास्थ्य उपकेंद्र के पोषक क्षेत्रों में छिड़काव कार्य का शुभारंभ किया जाएगा। जिसको लेकर जिले के सभी 17 प्रखंड अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों को विभागीय अधिकारियों द्वारा आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया है। ताकि छिड़काव कार्यक्रम के दौरान किसी प्रकार से कोई दिक्कत नहीं आए। कालाजार एसपी छिड़काव जो अवकाश के दिनों को छोड़कर कुल 60 दिनों का होता हैं। जिले के 17 प्रखंडों से चयनित 140 राजस्व गांवों में कार्य योजना के अनुसार छिड़काव कार्य किया जाना हैं। इसके लिए कार्य योजना सिंथेटिक पायरोथायराइड (एसपी) कीटनाशक एवं अन्य छिड़काव सामग्री सभी संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों को उपलब्ध करा दिया गया है। निर्देशित आलोक में इस चक्र छिडकाव कार्य 06 फीट तक ही सभी घरों के सभी कमरों एवं गौहालों के दिवालों को किया जाना हैं। घोल प्रति 7.5 लीटर पानी में 125 ग्राम सिंथेटिक पाइरेथ्रोइड (Synthetic Pyrethroid) कीटनाशक पाउडर को मिलाकर तैयार कर छिडकाव कार्य किया जाना हैं।