नौ दिवसीय श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का भव्य समापन!
संत ने बताया – सच्चाई, करुणा और ईमानदारी ही बनाते हैं मानव को भगवान के समीप
///जगत दर्शन न्यूज
सिवान (बिहार): सिसवन प्रखंड के साईपुर, नौका टोला एवं निरखापुर तीन मोहानी के समीप स्थित हनुमान मंदिर परिसर में नौ दिनों से चल रहे श्री लक्ष्मी नारायण महायज्ञ का समापन शुक्रवार को संपूर्ण आहुति एवं विशाल भंडारे के साथ श्रद्धा और भक्ति के वातावरण में संपन्न हो गया।
महायज्ञ के अंतिम दिन कथा वाचन कर रहे श्री श्री 1008 बाल संत जी महाराज ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि मानव जीवन का उद्देश्य केवल सांसारिक सुख नहीं, बल्कि सच्चाई, करुणा और ईमानदारी के मार्ग पर चलकर आत्मिक सुख प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि भगवान की भक्ति और सेवा के माध्यम से ही मनुष्य जीवन को सार्थक बना सकता है।
संत जी ने अपने प्रवचन में धर्म और नैतिकता के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि जीवन में सच्चे रास्ते पर चलने से ही व्यक्ति ईश्वर की कृपा का पात्र बनता है। इस अवसर पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ मंदिर परिसर में उमड़ पड़ी, जो कथा और धार्मिक अनुष्ठानों में पूरी आस्था और श्रद्धा के साथ सम्मिलित रहे।
महायज्ञ में मुख्य जजमान वकील सिंह और उमरावती देवी के साथ-साथ स्थानीय गणमान्य लोग जैसे श्रवण कुमार, पंकज सिंह, डॉ. संजीव सिंह, राकेश सिंह, अरविंद सिंह, निहाल शर्मा, संदीप सिंह, धीरज सिंह, ऋतिक सिंह, आचार्य दिलदार बाबा, मिथिलेश मिश्रा और आराधना देवी सहित कई अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहे।
महायज्ञ के दौरान विभिन्न धार्मिक अनुष्ठानों के साथ अंतिम दिन विशाल भंडारे का आयोजन भी किया गया, जिसमें सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण कर पुण्य लाभ अर्जित किया। श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे के साथ मिलकर भक्ति, सेवा और सामाजिक समरसता का संदेश फैलाते हुए महायज्ञ की सफलता के लिए भगवान का आभार प्रकट किया।