दस्त की रोकथाम के लिए अस्पतालों में बनाए जाएंगे जिंक कॉर्नर, आशाकर्मी हर घर में बांटेंगी ओआरएस पैकेट व जिंक की गोली!
• स्टॉप डायरिया अभियान 15 जुलाई से होगा शुरू
• 14 सितम्बर तक चलेगा दस्त नियंत्रण अभियान
• बरसात के दिनों में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में बढ़ जाता है डायरिया का खतरा
///जगत दर्शन न्यूज
सारण (बिहार): बच्चों को होने वाली विभिन्न रोगों एवं जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार लगातार अभियान चला रही है ताकि शिशु मृत्य दर में कमी लायी जा सके। इसी उद्देश्य से जिले में 15 जुलाई से 14 सितंबर (2 माह) तक स्टॉप डायरिया अभियान चलाया जाएगा. इस दौरान आशा कार्यकर्ता घरों में जाकर ओआरएस का पैकेट एवं जिंक की टैबलेट देंगी। जिन घरों में दस्त से पीड़ित बच्चे पाए गए उस घर में 2 पॉकेट ओआरएस एवं 14 जिंक की टैबलेट प्रदान की जाएगी। 0 से 5 साल के बच्चे अक्सर डायरिया से पीड़ित हो जाते हैं। इससे बचाव को लेकर यह पखवाड़ा मनाया जाता है। अभियान जिले के सभी आंगनबाड़ीकेंद्रों में चलाया जाएगा।
ओआरएस व जिंक की गोली जरूरी
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ सुमन कुमार ने बताया कि गर्मी व बरसात के दिनों में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में डायरिया का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में प्राथमिक उपचार में ओआरएस घोल एवं जिंक का टैबलेट बहुत फायदेमंद होता है। डायरिया के दौरान बच्चों में डिहाइड्रेशन की समस्या हो जाती है जो बच्चों के लिए जानलेवा भी साबित हो सकती है। ऐसे में 2 दिनों तक लगातार ओआरएस का घोल एवं 14 दिनों तक लगातार जिंक की गोली बच्चों के लिए फायदेमंद होती है। इससे बच्चों की जान बचाई जा सकती है। उन्होंने बताया कि 0 से 6 महीना के बच्चों को दस्त हो जाये तो इसे दो दिनों तक लगातार ओआरएस का घोल एवं आधा जिंक की गोली रोज देना है। 7 माह से 5 साल के बच्चे को घोल के साथ एक जिंक की गोली लगातार 14 दिनों तक देना है। 14 दिनों तक जिंक की गोली देने के बाद अगले तीन महीनों तक बच्चों को डायरिया होने का खतरा कम हो जाता है।
स्वच्छता को लेकर किया जाएगा जागरूक
जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सुमन कुमार ने बताया कि बच्चों में डायरिया होने में गंदगी की अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि इस पखवाड़ा के दौरान आशा कार्यकर्ता ओआरएस एवं जिंक की गोली देने के साथ-साथ स्वच्छता के प्रति भी जागरूक करेंगी जिसमें सही तरीके से हाथ धोने की जानकारी भी शामिल है। घरेलू उपचार से बच्चे को डायरिया से पीड़ित होने से कैसे बचाया जाए, यह जानकारी भी देंगी।