विभाग की पहल: सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव के बाद माताओं को दिया जा रहा है जच्चा-बच्चा कीट!
• संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए विभाग ने शुरू की पहल
• कीट में पौष्टिक आहार के साथ-साथ आवश्यक मेडिसिन भी उपलब्ध
• सिविल सर्जन ने माताओं के बीच किया जच्चा-बच्चा कीट का वितरण
• जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत सदर अस्पताल समेत सभी स्वास्थ्य केंद्रों में मिलेगा लाभ
सारण (बिहार): अब सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव कराने वाली माताओं को समुचित उपचार के साथ-साथ पोषण का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के ने विशेष पहल की है। अब सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव कराने वाली माताओं को डिस्चार्ज के दौरान जच्चा-बच्चा कीट दिया जायेगा। सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने छपरा सदर अस्पताल के मातृ-शिशु अस्पताल में इसकी शुरूआत की। उन्होने दर्जनों माताओं के बीच जच्चा-बच्चा कीट का वितरण किया। इस मौके पर उन्होने बताया कि इस किट में सुधा स्पेशल घी, खिचड़ी प्रीमिक्स, नमकीन दलिया प्रीमिक्स, राइस खीर प्रीमिक्स, प्रोटीन बार तथा बेसन बर्फी दिया गया है। साथ हीं आवश्यक दवा जिसमें आयरन फॉलिक एसिड, कैलशियम, एस्कॉर्बिक एसिड, विटामीन-डी सचेट, कोलेकैल्सीफेरॉल (विटामिन डी) सचेट, आयरन का गोली शामिल है। यह योजना महिलाओं के सशक्तिकरण और उनके स्वास्थ्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार का प्रयास है कि इस योजना के माध्यम से हर गर्भवती महिला को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सकें और मां और बच्चे दोनों स्वस्थ रहें। इस मौके पर सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा, डीएस डॉ. आरएन तिवारी, अस्पताल प्रबंधक राजेश्वर प्रसाद, लेखापाल बंटी रजक, जीएनएम संदीप कुमार, डॉ. काजल, सीफार के डीपीसी गनपत आर्यन समेत मातृ-शिशु अस्पताल के सभी नर्स और कर्मी मौजूद थे।
जच्चा-बच्चा की देखभाल से जुड़ी सतर्कता संबंधी जानकारी भी उपलब्ध:
सिविल सर्जन डॉ. सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि किट में स्वास्थ्य मंत्री मंगला पांडेय का बधाई संदेश और जच्चा-बच्चा की देखभाल से जुड़ी सतर्कता संबंधी जानकारी होगी। इसमें संपूर्ण टीकाकरण की सूची भी दी जाएगी, जिससे पता चलेगा कि कौन सा टीका कब लगवाना है। मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से जुड़ी विवरणिका में जननी सुरक्षा कार्यक्रम के तहत जांच और इलाज की पूरी जानकारी होगी। गर्भवती और नवप्रसूता महिलाओं की मृत्यु की सूचना देने के लिए डायल 104 टोल-फ्री नंबर जारी किया गया है।
मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य में सुधार
डॉ. सिन्हा ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की इस पहल का उद्देश्य सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में प्रसव को प्रोत्साहित करना, प्रसव के बाद माताओं की बेहतर देखभाल सुनिश्चित करना और नवजात शिशुओं को सुरक्षित शुरुआत देना है। सिविल सर्जन ने कहा कि यह योजना जिले के सभी प्रखंडों में लागू की जाएगी और प्रत्येक सरकारी अस्पताल में इसका सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।
जननी बाल सुरक्षा योजना से लाभ:
सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. आरएन तिवारी ने बताया कि जननी बाल सुरक्षा योजना (JBSY) गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए एक महत्वपूर्ण योजना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना, मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करना है। इसके तहत गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव कराने पर प्रोत्साहन राशि दी जाती है। जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत महिलाओं को 1400 रुपये की राशि भी दी जा रही है।