जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" थीम के तहत मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस!
प्राणायाम श्वसन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए एक विशेष योगाभ्यास: सिविल सर्जन
हसनपुरा में ए एन एम, आशा कार्यकर्ता, सामाजिक कार्यकर्ता सहित पीएसपी के सदस्यों ने लिया भाग: एम ओ आई सी
/// जगत दर्शन न्यूज
सिवान, 21 जून 2025
नियमित रूप से योग अपना कर अवसाद और तनाव को भी दूर किया जा सकता है। क्योंकि योग की प्रमुख क्रियाओं में सूर्य नमस्कार, प्राणायाम, मंडूकासन, शशकासन, ताड़ासन, तिर्यक ताड़ासन, उष्ट्रासन, योगमुद्रासन, गोमुखासन, भुजंगासन, पादहस्तासन, पवनमुक्तासन, मर्कटासन, वक्रासन, कटिचक्रासन, भुजंगासन आदि मुख्य रूप से शामिल किये गये हैं जो शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माने गए हैं। इस संबंध में हसनपुरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ मनोज कुमार ने बताया कि स्थानीय प्रखंड अंतर्गत गायघाट के सी एच ओ अमरनाथ हरिजन, पियाउर के सी एच ओ रोहित कुमार और सहूली की सीएचओ कुमारी प्रीति के नेतृत्व में रोगी हितधारक मंच (पीएसपी) के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस मनाया गया। जिसमें फाइलेरिया रोगियों को योगासन और योगाभ्यास कराया गया। क्योंकि हाथी पांव से ग्रसित मरीजों को सबसे ज्यादा फायदा होता है। योग से शारीरिक और मानसिक ऊर्जा में वृद्धि होती है। योग करने वाले लोग फिट होने के साथ ही इम्युनिटी और हाथी पांव वाले रोगियों को चलने फिरने में काफी मदद मिलती है। इसी को देखते हुए लोगों ने स्वास्थ्य का ख्याल रखते हुए योग करना शुरू किया है।
सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि स्वास्थ्य एवं आयुष विभाग द्वारा दिए गए आवश्यक दिशा- निर्देश के आलोक में "एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग" थीम के तहत जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाया गया। जिसके लिए ज़िले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों एवं हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को योग दिवस मनाए जाने को लेकर पत्राचार के माध्यम से निर्देशित किया गया था। दरअसल योगाभ्यास से फेफड़ों में रक्तसंचार बढ़ता है। प्राणायाम श्वसन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए एक विशेष योगाभ्यास है। श्वसन क्रिया के दौरान गहरी सांस लेते हुए वायु को अंदर खींचते हैं। सांस को अधिक से अधिक समय तक रोके रखते और अंत में धीरे-धीरे सांस छोड़ते हैं। इससे शरीर को आवश्यक मात्रा में ऑक्सीजन प्राप्त होता है। श्वसन से संबंधित एवं टीबी जैसी बीमारियों को दूर करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण अभ्यास माना जाता है। इसके अलावा विलोम-अनुलोम प्राणायाम करने से भी फेफड़ों को मजबूती मिलती है। योग के लिए शांत एवं स्वच्छ वातावरण होना चाहिए।
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल ने कहा है कि योग करने से व्यक्ति शारीरिक, मानसिक, और आध्यात्मिक रूप स्वस्थ्य रहता है। साथ ही वर्तमान समय में सबसे ज़्यादा तनाव, कमर दर्द, सर दर्द, अनिंद्रा, हृदय रोग, उच्च रक्तचाप, साइटिका, गठिया रोग आदि से मुक्ति मिलती है हैं। प्रतिदिन सुबह या शाम को नियमित रूप से योगाभ्यास करने मात्र से हाथ में कंपन्न, पाचन क्रिया, बाल का झड़ना, अवसाद, तंत्रिका तंत्र को स्वस्थ्य एवं रोग मुक्त, मस्तिष्क को शांत व सहन करने के साथ ही याददाश्त को भी बढ़ाता है। हम सभी को प्रतिदिन कम से कम 30 मिनट या अधिकतम एक घंटे तक नियमित रूप से योगाभ्यास करना चाहिए। जब तक तन व मन पूरी तरह से स्वस्थ्य नहीं रहेगा तब तक स्वास्थ्य ही धन है की परिकल्पना को पूरा नहीं किया जा सकता है।
जिला योजना समन्वयक (डीपीसी) इमामुल होदा ने बताया कि जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर योगा दिवस मनाने को लेकर विभागीय अधिकारियों द्वारा पत्राचार किया गया था। जिसके आलोक में जिले के सभी एच डब्ल्यू सी पर सी एच ओ के द्वारा अंतर्राष्ट्रीय योगा दिवस मनाया गया है। क्योंकि शरीर और मन की शांति के लिए योग एक विकल्प के रूप में उभर कर सामने आया है। मात्र योगाभ्यास करने से आपका शरीर पूरी तरह से स्वस्थ रहता है। योग से मानव जीवन पर सकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है। प्रतिदिन योग करने से शारीरिक और मानसिक बीमारियां दूर होती है। बढ़ते तनाव को कम करने और लाइफस्टाइल से पैदा होने वाली विभिन्न प्रकार की समस्याओं को योगाभ्यास करने से दूर किया जा सकता है। योग करने से शरीर को मजबूती मिलती है।