माइक्रो फाइलेरिया रेट 1.20 प्रतिशत: संचालित होगा सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान!
नाइट ब्लड सर्वे के दौरान 12041 रक्त के नमूने का किया गया था संग्रह: डीवीबीडीसी
एनबीएस के दौरान संग्रह किए गए रक्त के नमूने में 146 लोगों के संक्रमित होने की हुई पुष्टि: वीडीसीओ
सिवान (बिहार): जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता के मार्ग दर्शन और सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद के दिशा निर्देश में राष्ट्रीय फाईलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत रात्रि रक्त पट्ट संग्रह (एनबीएस) के द्वारा माइक्रो फाइलेरिया की दर जानने के लिए विगत 28 नवंबर से शुरू हुए नाइट ब्लड सर्वे के अनुसार जिले का माइक्रो फाइलेरिया रेट 1.20 है। क्योंकि उक्त सर्वे में 12041 जिले वासियों का रक्त संग्रह करने के बाद रक्त के नमूने की जांच की गयी थी, जिसमें 146 व्यक्ति माइक्रो फाइलेरिया से संक्रमित पाए गए है। हालांकि एक प्रतिशत से अधिक माइक्रो फाइलेरिया रेट होने के कारण आगामी 10 फरवरी से पूरे जिले में सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान का संचालन किया जाएगा। उक्त बातें जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल ने अपने कार्यालय कक्ष में रक्त के नमूने की जांच के बाद आए माइक्रो फाइलेरिया रेट के दौरान कही। उन्होंने कहा कि फाइलेरिया बीमारी को जड़ से मिटाने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग लगातार प्रयास कर रहा है। हाथीपांव जैसी लाइलाज बीमारी के उन्मूलन के लिए डब्ल्यूएचओ, पिरामल स्वास्थ्य और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) जैसी सहयोगी संगठनों द्वारा सामुदायिक स्तर पर सहयोग किया जा रहा है।
नाइट ब्लड सर्वे के दौरान 12041 रक्त के नमूने का किया गया था संग्रह: डीवीबीडीसी
जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार (डीवीबीडीसी) नीरज कुमार सिंह ने बताया कि स्थानीय शहरी क्षेत्र के अलावा जिले के सभी प्रखंडों में नाइट ब्लड सर्वे (एनबीएस) के दौरान रैंडम और सेंटिनल साइट आयोजित कर 12041 जिलेवासियों को रात्रि के 8: 30 के बाद रक्त के नमूने लिए गए थे। वही इस कार्यक्रम के दौरान जिले के सभी चयनित रक्त संग्रह स्थलों पर संबंधित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और पंचायत जनप्रतिनिधियों के द्वारा उद्घाटन किया गया था। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि तय समय सीमा के अंदर शत- प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग, सहयोगी संस्थाओं के अलावा स्थानीय स्तर पर शहरी क्षेत्र के वार्ड पार्षद जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में उक्त पंचायत के जनप्रतिनिधियों के साथ ही आशा कार्यकर्ता एवं आंगनबाड़ी सेविकाओं की भूमिका काफ़ी सराहनीय रही थी। जबकि रक्त संग्रह कैंप के दौरान संबंधित स्वास्थ्य संस्थान के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी (एमओआईसी) और प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक (बीएचएम) द्वारा क्षेत्र भ्रमण कर उक्त कार्य की निगरानी की गई थी। जिसका नतीजा 1. 20 प्रतिशत माइक्रो फाइलेरिया रेट मिला है। हालांकि अब सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) कार्यक्रम की शत प्रतिशत सफलतापूर्वक को लेकर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों और प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा
एनबीएस के दौरान संग्रह किए गए रक्त के नमूने में 146 लोगों के संक्रमित होने की हुई पुष्टि: वीडीसीओ
वेक्टर जनित रोग पदाधिकारी (वीडीसीओ) प्रीति आनंद ने बताया कि जिले के सभी प्रखंडों के अलावा शहरी क्षेत्रों में नाइट ब्लड सर्वे के दौरान सेंटिनल साइट पर 6017 जबकि रैंडम साइट पर 6024 लोगों का रक्त संग्रह किया गया था। जिसके बाद सेंटिनल साइट से 88 जबकि रैंडम साइट से कुल 146 यथा- आंदर प्रखंड 05, बड़हरिया में 07, बसंतपुर में 19, भगवानपुर में 07, दरौली में 05, दारौंदा में 12, गोरेयाकोठी में 05, गुठनी में 06, हसनपुरा में 07, हुसैनगंज में 06, लकड़ी नबीगंज में 08, महाराजगंज में 11, मैरवा में 04, नौतन में 07, पचरुखी में 04, रघुनाथपुर में 10, सिसवन में 05, सिवान ग्रामीण में 05 जबकि सिवान शहरी क्षेत्र में 05 के अलावा जीरादेई में 08 लोगों को संक्रमित होने की पुष्टि लैब टेक्नीशियन द्वारा जांच के बाद किया गया है। हालांकि अब आगामी 10 फरवरी से शुरू होने वाले सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम (एमडीए) के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के रूप में कार्यरत आंगनबाड़ी सेविका और आशा कार्यकर्ताओ के माध्यम से फाइलेरिया उन्मूलन की दवा के रूप में अल्बेंडाजोल और डीईसी का सेवन कराया जाएगा। इस दौरान 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों को फाइलेरिया की दवा नहीं खिलाई जाएगी।