विश्व उच्च रक्तचाप दिवस-
सदर अस्पताल परिसर स्थित पारा मेडिकल कॉलेज के छात्र और छात्राओं के बीच चलाया गया जागरूकता अभियान:
उच्च रक्तचाप से बचे रहने के लिए साल में एक बार स्वास्थ्य जांच जरूरी!
///जगत दर्शन न्यूज
सारण (बिहार): उच्च रक्तचाप यानी हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारी से सुरक्षित या बचाव के प्रति जिलेवासियों को जागरूक करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रत्येक वर्ष 17 मई से 16 जून तक विश्व उच्च रक्तचाप दिवस मनाया जाता है। हालांकि इस बीच स्वास्थ्य केंद्रों में विभिन्न प्रकार के आयोजन कर कार्यक्रम किया जाता है। ताकि उच्च रक्तचाप के संबंध में लोगों को जागरूक किया जा सकें। जिसको लेकर सदर अस्पताल परिसर स्थित पारा मेडिकल कॉलेज के छात्र और छात्राओं के बीच जागरूकता अभियान चलाया गया। जिस दौरान उच्च रक्तचाप के लक्षणों को पहचानने, उच्च रक्तचाप के कारणों तथा उसको नियंत्रित करने के तरीके को लेकर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। इस दौरान जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ भूपेंद्र कुमार, फिजियोथैरेपिस्ट डॉ वरुण कुमार सिंह, मनोवैज्ञानिक निधि कुमारी, एफएलसी प्रियंका कुमारी, एएनएम लीलावती कुमारी, डाटा ऑपरेटर राजीव कुमार गर्ग सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद थे।
उच्च रक्तचाप से सुरक्षित रहने के लिए वर्ष में एक बार अनिवार्य रूप से स्वास्थ्य जांच करानी चाहिए: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ सागर दुलाल सिन्हा ने बताया कि हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप धीरे- धीरे नजर आने वाला बीमारी है। जिसकी जानकारी आम लोगों को कुछ समय बाद मिलती है। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि वर्तमान समय में खराब जीवन शैली के कारण होने वाले उच्च रक्तचाप से 30 वर्ष या उससे अधिक उम्र में व्यक्ति सबसे अधिक प्रभावित हो रहे हैं। हालांकि अमूमन ऐसा देखा जाता है कि परिवार के अन्य सदस्यों के उच्च रक्तचाप के शिकार होने पर आनुवांशिक रूप से उनके बच्चे भी इसके शिकार हो जाते हैं। इससे सुरक्षित रहने के लिए 30 वर्ष की उम्र के बाद वर्ष में अनिवार्य रूप से एक बार अपनी स्वास्थ्य जांच आवश्य करवानी चाहिए। जांच के बाद अगर किसी का रक्तचाप ज्यादा है तो इसका इलाज कराना चाहिए। क्योंकि 80 से 85 प्रतिशत लोगों में उच्च रक्तचाप का कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है।
चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार अनिवार्य रूप से आवश्यक दवाओं का सेवन करना आवश्यक: एनसीडीओ
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी (एनसीडीओ) डॉ भूपेंद्र कुमार ने कहा कि उच्च रक्तचाप के शिकार लोगों को बचाव के लिए खुद भी ध्यान रखना जरूरी होता है। हालांकि इसके लिए हम सभी को अपना वजन नियंत्रित रखना, शारीरिक गतिविधियों में वृद्धि, संतुलित आहार, ताज़ा फल एवं हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन, रक्तचाप की नियमित जांच, चिकित्सकीय परामर्श के अनुसार आवश्यक दवाओं का सेवन, शराब या तंबाकू का सेवन वर्जित करना, तनाव से दूर रहना, तेल, घी, नमक का सेवन कम करने को लेकर विशेष रूप से ध्यान रखना होगा।