बिहार कैबिनेट की बड़ी बैठक: किसानों को राहत, युवाओं को रोजगार और उद्योगों को बढ़ावा
किसान सलाहकारों का मानदेय 21 हजार तक बढ़ा, कार्य अवधि 7 घंटे हुई
एक करोड़ रोजगार सृजन का लक्ष्य, निवेश प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी
स्वास्थ्य, शिक्षा और सड़क निर्माण के लिए अरबों की स्वीकृति
अंतरराष्ट्रीय हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने पर जोर, दिव्यांगों को मिलेगा स्वरोजगार
पटना (बिहार): मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई बिहार कैबिनेट की बैठक राज्य के लिए ऐतिहासिक साबित हुई। बैठक में कुल 26 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई, जिनमें कृषि, उद्योग, रोजगार, स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, ऊर्जा और अंतरराष्ट्रीय कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों को मजबूती देने वाले बड़े निर्णय शामिल हैं। इन फैसलों से न केवल किसानों और युवाओं को लाभ मिलेगा बल्कि प्रदेश के औद्योगिक एवं सामाजिक ढांचे को भी नई दिशा मिलेगी।
सबसे अहम निर्णय कृषि क्षेत्र से जुड़ा रहा, जिसके तहत लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे किसान सलाहकारों को सरकार ने राहत दी है। अब उन्हें 13 हजार रुपये की जगह हर महीने 21 हजार रुपये मानदेय मिलेगा। साथ ही कार्य समय भी 6 से बढ़ाकर 7 घंटे कर दिया गया है ताकि किसानों को और बेहतर तकनीकी जानकारी एवं परामर्श उपलब्ध कराया जा सके।
बैठक में राज्य सरकार ने रोजगार सृजन को लेकर भी बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने औद्योगिक एवं निवेश उत्पादन प्रोत्साहन पैकेज (BIPPP 2025) को मंजूरी दी है। इसके जरिए अगले कुछ वर्षों में एक करोड़ रोजगार उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। इस पैकेज में निवेशकों को कर छूट, जमीन, ब्याज पर सब्सिडी, SGST में राहत, रोजगार आधारित अनुदान और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ी विशेष छूट देने का प्रावधान किया गया है। इससे प्रदेश में बड़े उद्योग लगाने का रास्ता आसान होगा और युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर मिलेंगे।
कैबिनेट की बैठक में बिहार की अंतरराष्ट्रीय पहचान बढ़ाने पर भी जोर दिया गया। राज्य सरकार ने फैसला किया कि बिहार को विभिन्न देशों से हवाई मार्ग से जोड़ने के प्रयास तेज किए जाएंगे। इसके लिए उन एयरलाइनों को प्रोत्साहित किया जाएगा, जो बिहार से अंतरराष्ट्रीय उड़ानें शुरू करती हैं। इससे न केवल व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा बल्कि बिहार के प्रवासी मजदूरों और छात्रों के लिए भी विदेश यात्रा आसान होगी।
बैठक में बुनियादी ढांचे और ऊर्जा से जुड़े कई प्रस्तावों को भी हरी झंडी मिली। नौ जलविद्युत परियोजनाओं के लिए 166.81 करोड़ रुपये की संशोधित स्वीकृति दी गई है। इसके अलावा पालीगंज सेवा सड़क के लिए 100 करोड़ रुपये और कुशेश्वर स्थान सड़क उन्नयन के लिए 381.22 करोड़ रुपये मंजूर किए गए। न्यायालय भवनों के निर्माण पर भी सरकार ने जोर दिया है। समस्तीपुर जिले के रोसेरा में अदालत भवन एवं जेल परिसर के लिए 39.50 करोड़ रुपये की स्वीकृति दी गई।
स्वास्थ्य क्षेत्र को भी बड़ी राहत मिली है। नालंदा जिले में भगवान महावीर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (VIMS) के लिए 746.64 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। वहीं दिव्यांगों को स्वरोजगार देने के लिए 10.25 करोड़ रुपये की नई योजना को मंजूरी मिली है। श्रम विभाग द्वारा बाल श्रम उन्मूलन के लिए विशेष "Child and Adolescent Labour Elimination Plan 2025" लागू किया जाएगा।
पुलिस और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए भी निर्णय हुए। गया जिले में आपातकालीन प्रतिक्रिया प्रणाली (ERSS) कंट्रोल सेंटर के संचालन के लिए 132 नए पदों को स्वीकृति दी गई है।
कुल मिलाकर, इस कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसले बिहार को रोजगार, उद्योग, कृषि और स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई ऊंचाई पर ले जाने वाले साबित होंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बैठक में स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता विकास को गति देने के साथ-साथ समाज के हर वर्ग को लाभ पहुंचाना है।