बीपीएससी परीक्षा में 45वां रैंक हासिल कर अनुप्रिया ने किया जिले का नाम रौशन!
सारण (बिहार): छपरा शहर के भगवान बाजार चौक निवासी अनुप्रिया ने बीएससी परीक्षा में 45वां रैंक हासिल कर माता-पिता और परिवार के साथ जिले का भी नाम रौशन किया है। अनुप्रिया ने दूसरे प्रयास में यह सफलता हासिल की है। हालांकि पहले प्रयास में उन्होंने सेल्फ स्टडी की बदौलत इंटरव्यू तक का सफर हासिल किया था। जबकि, दूसरे प्रयास में उन्होंने अपने गुरुजनों और कोचिंग से भी गाइडेंस लिया और अपने दूसरे प्रयास में 69वें बीएससी परीक्षा में सफलता का परचम लहराते हुए 45वां स्थान हासिल किया। जैसे ही उसका नाम बीएससी के साइट पर डिस्प्ले किया गया अनुप्रिया एवं उसके घर परिवार के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। वही परिवार में बधाई देने वालों की लाइन लग गई।
बता दें कि अनुप्रिया छपरा शहर के भगवान बाजार मोहल्ला निवासी उमेश कुमार सिन्हा एवं मधु सिन्हा की दो संतानों में बड़ी पुत्री है। उसकी छोटी बहन सुहासी प्रिया भी बीएससी पास कर शिक्षक के पद पर छपरा में ही कार्यरत है। अनुप्रिया ने वर्ष 2014 में मैट्रिक की परीक्षा पास करने के बाद 2016 में छपरा से ही इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की जिसके बाद 2020 में उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से स्नातक की पढ़ाई पास की। शुरू से बीएससी व यूपीएससी पास करने की चाह और सतत प्रयास ने उसे सफलता का मंत्र सिखाया। 69वें बीपीएससी परीक्षा पास करने के बाद उसे अस्सिटेंट रजिस्ट्रार का पद मिला है। उन्हें बधाई देने वालों में महेश कुमार सिन्हा, सुधा सिन्हा, मनीष राज, रंजेश राज, संजेश राज, आशीष राज सहित अनेक लोग शामिल थे।
अनुप्रिया ने बतलाया सफलता का मूल मंत्र
अनुप्रिया ने अपनी सफलता का मूल मंत्र सिर्फ और सिर्फ सेल्फ स्टडी को बताया है। उन्होंने बताया कि प्रथम प्रयास में उन्होंने सेल्फ स्टडी की बदौलत पीटी, मेंस और इंटरव्यू तक का सफर किया था लेकिन कुछ कमियां रह गई थी जिसको लेकर उन्होंने अपने गुरुजन एवं एक कोचिंग संस्थान का सहयोग लिया। जिसकी बदौलत आज वह बीएससी परीक्षा क्रैक कर अस्सिटेंट रजिस्ट्रार के पद पर पहुंच चुकी है। उन्होंने बीएससी की तैयारी करने वाले छात्र-छात्राओं को संदेश दिया कि वह बीएससी की तैयारी के दौरान किताबों के सोर्स को सीमित रखें और एनसीईआरटी सहित मानक स्तर की किताबें पढ़े और उतनी ही किताबें पढ़े जितना वह लगातार रिवीजन कर सके। अगर वे ईमानदारी से प्रयास करेंगे तो उन्हें सफलता जरूर मिलेगी।
पिता चलाते हैं छोटी पारचून दुकान और माता है हाउस वाइफ
एक छोटे से परिवार में जन्मी अनुप्रिया का जन्म भगवान बाजार निवासी उमेश कुमार सिन्हा एवं मधु सिन्हा के घर 12 दिसंबर 1999 को हुआ। शुरू से ही पढ़ाई में तेज होने के कारण वह घर की चहेती बनी रही। वह अपनी छोटी बहन को भी गाईड करती रही। जिसका परिणाम है कि छोटी बहन भी बीपीएससी पास कर शिक्षिका के पद पर है। उसके पिता जहां भगवान बाजार में ही छोटी सी पारचून की दुकान चलाते हैं। वहीं माता हाउसवाइफ है। अनु के माता-पिता ने बताया कि उन्हें अपनी पुत्री पर भरोसा था कि वह किसी दिन उन लोगों का नाम जरूर रौशन करेगी।