टीबी मुक्त भारत: यक्ष्मा विभाग और वर्ल्ड विजन के सी - 19 परियोजना के तहत स्वास्थ्य जांच शिविर आयोजित!
निगम कर्मियों सहित स्थानीय शहरवासियों द्वारा कराई गई स्वास्थ्य जांच: नगर आयुक्त
सारण (बिहार) संवाददाता सत्येन्द्र कुमार शर्मा: टीबी रोग को जड़ से समाप्त करने के लिए शुरू किए गए टीबी मुक्त अभियान में जहां विश्व ने 2023 तक और भारत ने 2025 तक टीबी को समाप्त करने का लक्ष्य रखा है। इसी दृढ़ इच्छाशक्ति और एक जुटता का परिचय देते हुए अधिक से अधिक जिलेवसियों का स्वास्थ्य जांच और एक्सरे कराकर अपने दृढ़ संकल्प और प्रतिबद्धता को पूरा करने के उद्देश्य से नगर निगम के परिसर में स्वास्थ्य विभाग के यक्ष्मा विभाग द्वारा स्वास्थ्य सह एक्सरे मशीन से जांच के आयोजन का विधिवत उद्घाटन नगर निगम के आयुक्त सुनील कुमार पाण्डेय और मेयर लक्ष्मी नारायण गुप्ता के द्वारा संयुक्त रूप से फीता काट कर किया गया। इस अवसर पर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मासूमगंज के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ एच एन प्रसाद और चिकित्सा पदाधिकारी डॉ चैतन्य प्रसाद, एसटीएलएस कुमार अमित, वर्ल्ड विजय इंडिया के सी- 19 परियोजना के जिला प्रमुख पंकज कुमार सिन्हा, एसटीएस मुकेश कुमार, सीसी सुनील कुमार, एक्सरे ऑपरेटर पुतुल कुमार, एलटी प्रतिभा कुमारी और आदेश कुमार, एएनएम रंजन कुमारी, पुष्पा कुमारी, सुप्रिया कुमारी और माला सिन्हा सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।
निगम कर्मियों सहित स्थानीय शहरवासियों द्वारा कराई गई स्वास्थ्य जांच: नगर आयुक्त
नगर आयुक्त सुनील कुमार पाण्डेय ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के यक्ष्मा विभाग द्वारा नगर निगम परिसर में दो दिवसीय स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया है। जहां निगम कर्मियों सहित स्थानीय शहरवासियों द्वारा स्वास्थ्य जांच कराई गई। साथ ही टीबी मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत वर्ल्ड विजन इंडिया के सी- 19 परियोजना के सहयोग से दो दिनों तक एक्सरे किया जाएगा। ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके। टीबी की बीमारी किसी को कभी भी हो सकती है। लेकिन समाज में एक तरह से भ्रम फैला हुआ है कि गरीबी के कारण ही टीबी बीमारी होती है लेकिन ऐसा नहीं है। क्योंकि यह बीमारी कई प्रकार से होती हैं जबकि इसके लिए अपने खानपान पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाए तो छः महीने के अंदर टीबी जैसी बीमारी पर आसानी से विजय प्राप्त किया जा सकता है। हालांकि इसके अलावा भी कोई भी इच्छुक व्यक्ति जिसको यक्ष्मा बीमारी से संबंधित लक्षण दिखे तो अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान या संबंधित अधिकारियों से संपर्क कर सकता है। हालांकि टीबी की बीमारी कुछ वर्ष पहले तक दूसरे नज़रों से देखा जाता था लेकिन अब इसका इलाज आसानी से हो रहा है। जबकि सबसे अहम बात यह है कि सरकारी अस्पतालों में इस बीमारी से संबंधित उचित परामर्श, जांच, इलाज के साथ ही दवा का वितरण पूरी तरह से निःशुल्क किया जाता है।