करोड़ो रूपये की अष्टधातू की राम लक्ष्मण जानकी की मूर्ति चोरी! लोगों में आक्रोश!
सारण (बिहार)संवाददाता वीरेश सिंह: जिले के माँझी प्रखंड के माँझी दक्षिण टोला स्थित प्रसिद्ध राम जानकी मंदिर से रविवार की रात अष्टधातू से निर्मित करोड़ो रूपये मूल्य के राम लक्ष्मण जानकी की मूर्ति अज्ञात चोरों ने चुरा ली है। ग्रामीणों के अनुसार ईंट की सहायता से मन्दिर के दरवाजे का ताला तोड़ चोरों ने घटना को अंजाम दिया है। चोरी की खबर फैलते ही ग्रामीणों की उमड़ी भीड़। समाचार सुन माँझी पुलिस भी पहुँची गयी है व ग्रामीणों के अंदेशा पर जांच पड़ताल शुरू कर चुकी है। मूर्ति चोरी पर लोगों में अभी काफी रोष देखने को मिल रहा है।
रविवार की रात माँझी नगर पंचायत क्षेत्र के दक्षिण टोला स्थित ठाकुरबाड़ी का ताला तोड़कर चोरों ने मन्दिर के भीतर स्थापित अष्टधातु से निर्मित राम लक्ष्मण जानकी की मूर्ति चूरा ली। अंतरराष्ट्रीय बाजार में चोरी गई अष्टधातू कि मूर्तियों की कीमत लगभग पांच करोड़ रुपये आंकी जा रही है। चोरी की घटना की जानकारी सोमवार की सुबह हुई। मूर्तियों की चोरी से ब्यथित मन्दिर के पुजारी छोटे मिश्रा ने बताया कि प्रतिदिन की भांति वे मन्दिर में पूजा के लिए सोमवार की सुबह ज्योंहि पहुँचे तो देखा कि मन्दिर का दरवाजा खुला पड़ा है तथा मन्दिर के भीतर स्थापित अष्टधातू से निर्मित राम लक्ष्मण जानकी की मूर्तियां अपने स्थान से गायब हैं। उन्होंने बताया कि मन्दिर के प्रवेश द्वार पर लोहे की ग्रिल के गेट में लगाये गए ताला के अलावा मन्दिर वाले दरवाजा में लगे ताला को चोरों ने ईंट पत्थर की सहायता से तोड़ दिया था तथा चोरी की घटना को अंजाम दिया था। चोरी के बाद मूर्तियों को सजाने के लिए बनाये गए स्टैंड सुने पड़े हुए थे। घटना से हतप्रभ पुजारी ने तत्काल आसपास के लोगों को बुलाकर घटना की जानकारी दी तथा फिर पुलिस को सूचित किया। सूचना पाकर थानाध्यक्ष अशोक कुमार दास के नेतृत्व में पहुँची माँझी थाना पुलिस ने मन्दिर परिसर के अलावा आसपास के क्षेत्रों में सघन खोजबीन व तलाशी अभियान चलाया। पुलिस ने बीती रात पड़ोस में दीनानाथ यादव के तिलकोत्सव में पहुँचे बनियापुर के उनके रिश्तेदारों को भी बुलाया तथा घटना की बाबत सघन पूछताछ की। मौके पर मौजूद स्थानीय निवासी व कांग्रेस के नेता उमाशंकर ओझा ने बताया कि छोटे मिश्रा परिवार के छह पीढ़ी पूर्व के पूर्वज पण्डित रामयत्न मिश्र ने लगभग तीन सौ वर्ष पूर्व उक्त मन्दिर का निर्माण किया था तथा अष्टधातु से निर्मित प्रतिमाएँ स्थापित की थीं। उन्होंने बताया कि प्रतिवर्ष बैसाख की पूर्णिमा के दिन प्रतिमाओं को कथित रूप से हवा खिलाने के साथ साथ नगर भ्रमण कराया जाता है तथा दरवाजे पर प्रतिमाओं को सजाकर उनकी पूजा की जाती हैं तथा इस अवसर पर भोज भंडारा का आयोजन किया जाता है। बीते शनिवार को ही भगवान को नगर भ्रमण व भोज आयोजित किया गया था जिसमें कई गणमान्य लोग भी शामिल हुए थे। मूर्ति चोरी की घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर विरोध जताने का भी प्रयास किया लेकिन पुलिस द्वारा मामले का शीघ्र उदभेदन कर दोषियों को गिरफ्तार करने के आश्वासन के बाद सड़क जाम आंदोलन को तत्काल स्थगित कर दिया गया।