मुख्यमंत्री ने किया बापू टावर का उद्घाटन, गांधी के विचारों को समर्पित इस अद्वितीय स्मारक से नई पीढ़ी होगी प्रेरित!
पटना (बिहार): बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को राजधानी पटना के गर्दनीबाग स्थित बापू टावर में नवनिर्मित प्रशासनिक भवन का भव्य उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने टावर परिसर का निरीक्षण किया और वहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने वहां भ्रमण पर आए स्कूली बच्चों से संवाद भी किया और उन्हें गांधी जी के आदर्शों से प्रेरणा लेने की अपील की।
बापू टावर को आधुनिकता और गांधी दर्शन के समागम के रूप में विकसित किया गया है। यह भवन महात्मा गांधी की जीवनी, उनके विचारों, आंदोलनों और जीवन दर्शन को दृश्य, श्रव्य एवं इंटरएक्टिव माध्यमों से प्रस्तुत करता है। उद्घाटन समारोह के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि "बापू टावर बिहार के लिए एक सांस्कृतिक और शैक्षणिक धरोहर के रूप में काम करेगा। यह नई पीढ़ी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के मूल्यों से जोड़ने और उन्हें आत्मसात करने की दिशा में एक सार्थक प्रयास है।"
टावर की विशेषताएं
बापू टावर छह मंजिला भवन है जिसकी ऊँचाई लगभग 120 फीट है। इसका निर्माण करीब ₹129 करोड़ की लागत से भवन निर्माण विभाग द्वारा किया गया है। यह परिसर लगभग पाँच एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। इसके प्रमुख आकर्षणों में हैं:
डिजिटल एवं इंटरएक्टिव दीर्घाएं, जहां गांधीजी के जीवन से जुड़ी महत्त्वपूर्ण घटनाएं प्रदर्शित हैं।
3‑D थिएटर, जिसमें दर्शक गांधीजी के आंदोलनों को जीवंत रूप में अनुभव कर सकते हैं।
ऑडिटोरियम और रिसर्च सेंटर, जहाँ गांधी विचारधारा पर संगोष्ठी व शोध का आयोजन किया जा सकेगा।
विज़िटर लाउंज और कैफेटेरिया, जो आगंतुकों की सुविधा के लिए बनाए गए हैं।
बापू टावर की वास्तुकला भी अनोखी है। इसकी छत पर लगे तांबे के आवरण पर ऑक्सीकरण और नाइट्रोजन प्रक्रिया से रंगों का मनोहारी परिवर्तन देखा जा सकता है।
जिलाधिकारी समेत कई वरीय अधिकारी रहे मौजूद
उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव डॉ. एस सिद्धार्थ, भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि, जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम, वरीय पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय शर्मा सहित कई वरीय पदाधिकारी मौजूद रहे। भवन निर्माण विभाग के सचिव ने मुख्यमंत्री को टावर की विभिन्न सुविधाओं की जानकारी दी।
मुख्यमंत्री ने स्वयं QR कोड स्कैन कर ऑनलाइन सेवा की गुणवत्ता की जांच की और कहा कि इस टावर को सभी स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों के लिए अनिवार्य शैक्षणिक भ्रमण स्थल के रूप में प्रोत्साहित किया जाए।
युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “बापू टावर आने वाली पीढ़ियों को यह सिखाएगा कि कैसे गांधीजी के आदर्श आज भी प्रासंगिक हैं। यह स्थान न केवल एक दर्शनीय स्थल है, बल्कि यह हमारे सांस्कृतिक और वैचारिक धरोहर को सहेजने और संप्रेषित करने का माध्यम भी बनेगा।”
उल्लेखनीय है कि उद्घाटन से पहले ही पिछले पाँच महीनों में बापू टावर में 52,000 से अधिक आगंतुक पहुँच चुके हैं, जिसमें स्कूली बच्चे, शोधार्थी और आम नागरिक शामिल हैं।
बापू टावर सिर्फ एक इमारत नहीं, बल्कि एक वैचारिक आंदोलन है जो गांधीजी के विचारों, उनके संघर्षों और उनके नैतिक मूल्यों को आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचाने का संकल्प है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का यह कदम बिहार की सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक उन्नति में मील का पत्थर साबित होगा।