प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस: सिवान में अब दो के बदले तीन दिन होगा आयोजित!
वित्तीय वर्ष 2024- 25 में लगभग 33 हजार से अधिक महिलाओं का हुआ प्रसव पूर्व जांच, जिसमें 29 सौ के करीब उच्च जोख़िम की हुई पहचान: सिविल सर्जन
मातृ एवं शिशु- मृत्यु दर में कमी लाने को लेकर की गई बेहतर व्यवस्था: डॉ रूपाली
सिवान (बिहार): प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान के तहत अभी तक प्रत्येक माह की 9 तारीख एवं 21 तारीख को विशेष शिविर लगाकर गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व (एएनसी) जांच कराई जाती है। इसमें गर्भवती महिला अपने क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओ के सहयोग से अपने- अपने नजदीकी स्वास्थ्य संस्थान में सुरक्षित एवं सामान्य प्रसव के लिए एएनसी जांच के लिए आती है। जांच के बाद स्वास्थ्य संस्थान के चिकित्सकों द्वारा गर्भवती महिलाओं को आवश्यकतानुसार चिकित्सीय परामर्श दिया जाता है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि उक्त अभियान को लेकर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत ने पत्र जारी कर बताया है कि वर्ष 2024- 25 में जिले में 33, 354 गर्भवती महिलाओं ने प्रसव पूर्व जांच कराई है। जिसमें 2917 महिला (8.7%) उच्च जोख़िम (HRP) वाली गर्भावस्था की पहचान की गई है। जबकि अपेक्षित दर 15% होनी थी. जिसका मुख्य कारण पीएमएसएमए दिवस में बड़ी संख्या में गर्भवती महिलाएं शामिल नहीं होना है, जिससे प्रसव पूर्व जांच की गुणवत्ता प्रभावित हुई है। लिहाज़ा इस अभियान को अब तीन दिन यानी प्रत्येक माह के 9, 15 एवं 21 तारीख को प्रधानमंत्री सुरक्षित अभियान दिवस आयोजित किया जाएगा। जिस कारण अब जिले में एएनसी कराने वाली महिलाओं की संख्या में इज़ाफ़ा होने की प्रबल संभावना है।
संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए गर्भवती महिलाओं की एएनसी बेहद जरूरी: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम विशाल कुमार सिंह ने बताया कि सुरक्षित और सामान्य प्रसव के लिए प्रसव पूर्व जांच बेहद जरूरी होता है। क्योंकि प्रसव अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की कठिनाई होने पर तुरंत जांच करानी चाहिए। दरअसल नीयत समय पर गर्भवती महिलाओं द्वारा जांच कराने से किसी भी प्रकार की परेशानियों को शुरुआती दौर में ही पता चल जाता है। जानकारी मिलने पर ही उसे आसानी से दूर किया जा सकता है। इसके लिए सरकार द्वारा प्रत्येक माह की 9 एवं 21 तारीख को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) स्तर पर प्रसव पूर्व जांच (एएनसी) की व्यवस्था की जाती है। ताकि प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को किसी प्रकार की अनावश्यक शारीरिक या मानसिक रूप से परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े। सुरक्षित और सामान्य रूप से प्रसव को बढ़ावा देने के लिए गर्भवती महिलाओं को प्रसव पूर्व जांच कराना जरूरी है।
मातृ एवं शिशु- मृत्यु दर में कमी लाने को लेकर की गई बेहतर व्यवस्था: डॉ रूपाली
रेफरल अस्पताल सिसवन की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ रूपाली रस्तोगी ने बताया कि सरकार द्वारा गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य जांच के लिए की गई यह व्यवस्था शिशु- मृत्यु दर में कमी लाने की बेहतर व्यवस्था है। सरकार की यह व्यवस्था मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने की दिशा में अच्छी पहल है। इससे ना सिर्फ सुरक्षित प्रसव होगा, बल्कि शिशु- मृत्यु दर पर विराम भी लग सकता है। इसके साथ ही जच्चा और बच्चा को अनावश्यक परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ेगा। क्योंकि प्रधानमंत्री मातृत्व सुरक्षित अभियान के तहत मुख्य रूप से रहन- सहन, साफ- सफाई, खान- पान, गर्भावस्था के दौरान बरती जाने वाली सावधानियां, चिकित्सीय टीम द्वारा गर्भवती महिलाओं की रक्त, यूरिन, एचआईवी, ब्लड ग्रुप, उच्च रक्तचाप, हार्ट- बिट सहित कई अन्य प्रकार की जांच चिकित्स द्वारा उचित सलाह मशविरा दिया जाता है।