खसरा और रूबेला से बच्चों को बचाने के लिए चलाया जा रहा है विशेष टीकाकरण अभियान!
• 9 माह से 2 वर्ष तक के बच्चों के लिए टीका अनिवार्य
• खसरा-रूबेला 2026 तक उन्मूलन का लक्ष्य
सारण (बिहार): जिले में बच्चों को खसरा और रूबेला जैसी गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए विशेष टीकाकरण अभियान की शुरुआत की गयी है। इस अभियान का उद्देश्य 9 माह से 2 वर्ष तक के बच्चों को खसरा और रूबेला का टीका लगवाना है, ताकि भविष्य में इन बीमारियों को पूरी तरह से समाप्त किया जा सके। यह अभियान खसरा-रूबेला उन्मूलन अभियान के तहत संचालित किया जाएगा, जो राज्य और केंद्र सरकार की पहल है। जिले के सभी प्रखंडों में विशेष टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है।
टीकाकरण बच्चों के जीवन और भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण:
जिले के डीआईओ डॉ. सुमन कुमार ने बताया कि इस अभियान के तहत, जिले में टीकाकरण की दर को बढ़ाना और प्रत्येक बच्चे को इस जीवन रक्षक टीके के साथ कवर करना प्राथमिक उद्देश्य है। उन्होंने कहा कि टीकाकरण बच्चों के जीवन और भविष्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, और यह सभी अभिभावकों से अपील की गई है कि वे अपने बच्चों को इस टीकाकरण अभियान में अवश्य शामिल कराएं। कुछ बच्चों को अभी भी टीका नहीं लगाया गया है, और इन्हें भी इस विशेष अभियान के दौरान टीका लगवाया जाएगा।
खसरा-रूबेला 2026 तक उन्मूलन का लक्ष्य:
इस टीकाकरण अभियान के माध्यम से जिले में खसरा और रूबेला का प्रभावी ढंग से उन्मूलन करने के प्रयास किए जा रहे हैं। सरकार का लक्ष्य है कि 2026 तक खसरा और रूबेला पूरी तरह से समाप्त हो जाएं, जिससे बच्चों को इन बीमारियों से बचाया जा सके।
9 माह से 2 वर्ष तक के बच्चों के लिए विशेष अभियान:
यूनिसेफ के एसएमसी आरती त्रिपाठी ने बताया कि विशेष टीकाकरण अभियान 9 माह से 2 वर्ष तक के बच्चों के लिए आयोजित किया जा रहा है, जिसमें स्वास्थ्य कर्मी घर-घर जाकर बच्चों को टीका लगवाने का कार्य करेंगे। इसके अतिरिक्त, टीकाकरण के लिए 12 माह से पहले और फिर 16 से 24 माह के बीच दो डोज़ बच्चों को लगाई जाती है, जिससे उनका शरीर इन बीमारियों के खिलाफ बेहतर सुरक्षा प्राप्त कर सके।