सारण में बाल श्रम उन्मूलन को लेकर जिलाधिकारी ने की टास्क फोर्स बैठक!
बाल श्रमिकों के पुनर्वास और कार्रवाई में तेजी लाने का निर्देश!
सारण (बिहार): सारण जिला में बाल श्रम पर रोकथाम और किशोर श्रम निषेध को लेकर जिला स्तरीय टास्क फोर्स की महत्वपूर्ण बैठक आज जिलाधिकारी श्री अमन समीर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। बैठक का आयोजन श्रम संसाधन विभाग, बिहार सरकार के निर्देश पर किया गया था, जिसमें बाल श्रम उन्मूलन के लिए अब तक की उपलब्धियों की समीक्षा और आगामी कार्यनीति पर चर्चा की गई।
जिलाधिकारी ने कहा कि बाल श्रम के विरुद्ध प्रभावी कार्रवाई के लिए गठित धावा दल (रेड टीम) को स्थानीय थानों के समन्वय से छापेमारी कार्य तेज करना होगा। उन्होंने निर्देश दिया कि जिन क्षेत्रों या प्रतिष्ठानों में बार-बार बाल श्रम के मामले सामने आ रहे हैं, वहां नियमित छापेमारी कर कठोर कार्रवाई की जाए।
बाल श्रमिकों के पुनर्वास पर जोर देते हुए डीएम ने कहा कि जो बच्चे बाल श्रम से मुक्त कराए जा चुके हैं और सारण जिले के निवासी हैं, उनके पुनर्वास की प्रक्रिया का नियमित फॉलोअप सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने विशेष रूप से ईंट-भट्ठों, होटलों, ढाबों जैसे क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाने और बाल श्रम कानून की जानकारी संबंधित प्रतिष्ठानों के संचालकों को देने का निर्देश दिया।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार:
वर्ष 2014 से अब तक सारण जिले में 287 बाल श्रमिकों को विमुक्त कराया गया है।
बाल श्रम नियोजन के आरोप में 280 एफआईआर दर्ज की गई हैं।
102 बाल श्रमिकों को तत्काल सहायता के रूप में 3,000 रुपये की राशि उपलब्ध कराई गई है।
113 बच्चों के पुनर्वास के लिए 20,000 रुपये प्रति बच्चा की राशि पुनर्वास कोष में जमा कराई गई है।
103 पात्र बच्चों को मुख्यमंत्री राहत कोष से 25,000 रुपये की सहायता दी गई है।
बैठक में उप विकास आयुक्त, अनुमंडल पदाधिकारी (सदर), श्रम अधीक्षक, डीपीओ (आईसीडीएस), श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी, सहायक निदेशक (बाल संरक्षण), सिविल कोर्ट प्रतिनिधि, एनजीओ प्रतिनिधि सहित कई पदाधिकारी और सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित थे।
निष्कर्ष रूप में, जिलाधिकारी ने कहा कि बाल श्रम सामाजिक अपराध है और इसके विरुद्ध प्रशासन की जीरो टॉलरेंस की नीति है। उन्होंने सभी संबंधित विभागों को आपसी समन्वय के साथ इस दिशा में सतत कार्रवाई करने का निर्देश दिया।