शिवरीनारायण में गौग्राम जनजागरण यात्रा का भव्य आयोजन
गौसंवर्धन, स्वदेशी कृषि और आत्मनिर्भर ग्राम विषयों पर हुई प्रेरणादायी संगोष्ठी
प्रेरणा बुड़ाकोटी/ नई दिल्ली
शिवरीनारायण (चांपा)। भारतीय कुष्ठ निवारक संघ गौशाला कात्रेनगर, चांपा द्वारा आयोजित गौग्राम जनजागरण यात्रा 2025 के अंतर्गत शिवरीनारायण के सत्संग भवन चौपाटी में दिनांक 11 मई को भव्य आयोजन सम्पन्न हुआ। यह यात्रा छत्तीसगढ़ के 40 ग्रामों में गौवंश के संरक्षण, पंचगव्य आधारित उत्पादों के प्रचार-प्रसार और ग्रामीण आत्मनिर्भरता हेतु संचालित की जा रही है। अब तक यह यात्रा 30 हजार से अधिक किसानों तक पहुंच चुकी है। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ. पूर्णेन्दु सवसेना जी (संघ चालक म.प्र. क्षेत्र, रा. स्व. संघ एवं आर्थोपेडिक विशेषज्ञ, संचालक वी. वाय. हॉस्पिटल रायपुर) ने कहा कि भारत की आत्मा गाँवों में बसती है, और गाँवों की आत्मा गौमाता हैं। उन्होंने पंचगव्य चिकित्सा, जैविक खाद और गौ आधारित कृषि को ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधार बताया। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे परंपरागत ज्ञान को अपनाकर गाँवों को आत्मनिर्भर बनाएं। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे श्री विषेश्वर सिंह पटेल (अध्यक्ष, गौसेवा आयोग, छ.ग. शासन) ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा गौशालाओं को सक्रिय रूप से सहयोग दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि गौमूत्र और गोबर से बनी खाद व कीटनाशक के प्रयोग से रासायनिक खेती की लागत घटाई जा सकती है और भूमि की उर्वरता बढ़ाई जा सकती है। कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि जांजगीर-चांपा की सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े जी ने कहा कि महिलाओं को गौपालन से जोड़कर आजीविका के नए अवसर निर्मित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि गौमाता केवल पूजा की वस्तु नहीं, बल्कि ग्रामीण जीवन की केंद्रबिंदु हैं। उन्होंने ग्रामवासियों से आह्वान किया कि वे स्वदेशी उत्पाद अपनाएं और रासायनिक खादों का बहिष्कार करें। पूर्व गौसेवा आयोग अध्यक्ष डॉ. रामसुंदरदास जी ने कहा कि गौशालाओं को केवल सेवा का केन्द्र नहीं, बल्कि नवाचार का केन्द्र भी बनाया जाए। उन्होंने पंचगव्य चिकित्सा और नैनो तकनीक से खेती को जोड़ने की आवश्यकता बताई। उन्होंने किसानों से गौ आधारित प्रशिक्षण लेने और आधुनिक तकनीकों को अपनाने का आग्रह किया। हरिद्वार से पधारे रामसुदास महाराज जी ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा कि जहां गौमाता होती हैं, वहां धर्म, धन और शांति स्वयं निवास करते हैं। उन्होंने गौ को भारत की संस्कृति और संस्कारों की जड़ बताया और कहा कि गौमाता के संरक्षण में ही मानवता की रक्षा निहित है।लखनदास महाराज जी (हनुमान मंदिर मेहंदी) ने कहा कि गौमाता के माध्यम से मनुष्य का चरित्र, स्वास्थ्य और भविष्य उज्ज्वल होता है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है जब हम केवल भाषणों तक सीमित न रहें, बल्कि व्यवहारिक प्रयासों द्वारा हर गाँव में गौशालाओं को पुनर्जीवित करें। इस अवसर पर श्री रामप्रकाश केशरवानी (प्रदेश कोषाध्यक्ष, सहकार भारती) और श्री घनश्याम तिवारी (प्रदेश संयोजक, पैक्स प्रकोष्ठ) ने बताया कि यात्रा के दौरान ग्रामों में इफको द्वारा प्रदत्त नैनो यूरिया, डीएपी व बायो डीकंपोजर जैसे नवाचारों पर किसानों को जानकारी दी जा रही है। हर ग्राम में संगोष्ठियां आयोजित कर स्वदेशी खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। कार्यक्रम में इशूकांत केशरवानी द्वारा गौ गीत का मधुर गायन किया गया, वहीं लोमस भाईसाब ने गौ आरती एवं भारत माता की आरती का भावपूर्ण गायन किया, जिसे उपस्थित नागरिकों ने श्रद्धा व गौरव के साथ दोहराया। कार्यक्रम में रामप्रकाश केशरवानी यात्रा संयोजक एवं घनश्याम तिवारी यात्रा सहसंयोजक ने उपस्थित अतिथियों का सम्मान किया। इस अवसर पर श्री सुधीर देव, राजेश अग्रवाल , अंबेश जांगड़े, रवि पाण्डेय, गगन जयपुरिया, चुन्नीलाल साहू, राहुल नामदेव, बुद्धेश्वर केशरवानी, योगेश शर्मा सहित अनेक गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे, जिन्होंने आयोजन को अपनी गरिमामयी उपस्थिति से सफल बनाया।