जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति (DLCC) की बैठक
लोन देने में इंडियन बैंक एवं यूनियन बैंक सबसे पीछे! सभी बैंक रोजगारपरक योजनाओं में ऋण देने में बरतें उदारता, जिले का सीडी रेशियो 50 प्रतिशत पहुंचाने के लक्ष्य के साथ करें कार्रवाई!: डीएम
सारण (बिहार):जिलाधिकारी श्री अमन समीर की अध्यक्षता में आज सभी बैंकर्स के साथ जिला स्तरीय परामर्शदात्री समिति की बैठक आहुत की गई।
बैंकों के सकल साख जमा अनुपात (सीडी रेशियो) के संबंध में बताया गया कि दिसंबर त्रैमास में जिले के सभी बैंकों का समेकित सीडी रेशियो 45.50 प्रतिशत था। समीक्षा के क्रम में पाया गया कि कुछ बैंकों, विशेष रूप से इंडियन बैंक,यूनियन बैंक, केनरा बैंक, पीएनबी आदि द्वारा साख सृजन में काफी खराब प्रदर्शन किया गया है। दिसंबर त्रैमास में इंडियन बैंक का सीडी रेशियो 14.56 तथा एनुअल क्रेडिट प्लान के लक्ष्य का मात्र 4.67 प्रतिशत उपलब्धि दर्ज की गई। पीएनबी का सीडी रेशियो 25.76 प्रतिशत तथा एनुअल क्रेडिट प्लान के लक्ष्य का मात्र 3.64 प्रतिशत उपलब्धि रही। जिलाधिकारी ने इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त किया। उन्होंने सभी बैंकों को 50 प्रतिशत के सीडी रेशियो के लक्ष्य के साथ कार्य करने को कहा। विभिन्न स्वरोजगार परक योजनाओं-पीएमईजीपी, पीएम एफ एम ई आदि के तहत प्राप्त आवेदनों की स्वीकृति एवं ऋण अदायगी में उदारता बरतने को कहा।
पीएमईजीपी के तहत 231 के लक्ष्य के विरुद्ध 1290 आवेदन बैंकों को भेजा गया है। बैंकों द्वारा अद्यतन 218 आवेदन स्वीकृत हुये हैं तथा इनमें से 146 को वास्तविक रूप से वित्तपोषित किया गया है। पीएम एफ एम ई के तहत 340 के लक्ष्य के विरूद्ध 882 आवेदन बैंकों को भेजे गए हैं।इनमें से 245 आवेदन स्वीकृत किये गये हैं।
सभी बैंकों को निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप PMEGP एवं PMFME के आवेदनों की स्वीकृति एवं स्वीकृत आवेदनों को वित्तपोषित करने का स्पष्ट निदेश दिया गया।
सभी बैंकों को स्टार्टअप इंडिया के तहत उपयुक्त प्रोजेक्ट का कम से कम एक आवेदन को प्रॉसेस करने को कहा गया।
प्रियॉरिटी सेक्टर में वित्त पोषण हेतु सभी बैंक के ब्रांच मैनेजर की जबाबदेही का निर्धारण करने हेतु उचित प्रक्रिया का निर्धारण करने को लेकर चर्चा की गई। ब्रांच मैनेजर के वार्षिक पीओपी में प्रियॉरिटी सेक्टर की उपलब्धि का वेटेज निर्धारित कर इसका मूल्यांकन एलडीएम के माध्यम से सुनिश्चित कराने की व्यवस्था का प्रस्ताव उचित स्तर पर भेजने का निर्णय लिया गया। बैंकों के डिस्ट्रिक्ट कोऑर्डिनेटर के रूप में वरीय अधिकारियों को ही नामित करने को कहा गया। सभी प्रखंडों में प्रखंड स्तरीय बैंकिंग कमिटी की बैठक नियमित रूप से सुनिश्चित करने को कहा गया। इसके लिये त्रैमासिक रोस्टर निर्धारित करने का निदेश दिया गया।
बैंकिंग से संबंधित किसी भी तरह की शिकायत दर्ज करने के लिये प्रत्येक दो माह में एक बार जिला स्तर पर विशेष शिविर लगाया जायेगा। इस शिविर में आकर कोई भी व्यक्ति बैंकिंग व्यवस्था से संबंधित किसी भी तरह की शिकायत दर्ज करा सकता है।
बैठक में उपविकास आयुक्त, निदेशक डीआरडीए, वरीय उपसमाहर्त्ता बैंकिंग, आरबीआई के प्रतिनिधि, डीडीएम नाबार्ड, जिला अग्रणी प्रबंधक, विभिन्न विभागों के जिला स्तरीय पदाधिकारी एवं विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।