आगलगी की घटनाओं की रोकथाम एवं न्यूनीकरण हेतु दिशा निर्देश जारी!
सारण (बिहार): राज्य अग्निशमन विभाग, बिहार के द्वारा आगलगी से सुरक्षा हेतु जन-जागरूकता फैलाने का निर्देश जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि बिहार राज्य में माह मार्च से जून तक भीषण गर्मी होती है, एवं इस अवधि में पछुआ हवा का प्रवाह भी तीव्र गति से होता है। ऐसे में आगलगी की घटनाओं में वृद्धि देखी जाती है। विशेष कर गाँवों में आगलगी की घटना होने पर खेत, खलिहान, खड़ी फसल आदि में जान-माल की क्षति होती है। ऐसी स्थिति में आगलगी की घटनाओं की रोकथाम एवं न्यूनीकरण हेतु सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित की जाए।
1. जन-जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन वृहद स्तर पर की जाए।
2. अग्नि प्रवण काल में नये एवं पुराने भवनों में अधिक से अधिक फायर ऑडिट एवं मॉकड्रिल किये जायें।
3 अग्नि निवारण एवं जन-जागरूकता हेतु आवश्यक कार्यवाही निम्नानुसार सुनिश्चित की जायेः-
• हवा तेज होने के पूर्व खाना बना लें। विशेषकर फुस एवं खपरैल के है, वे सुबह 08:00 बजे के पहले और रात्रि 07:00 बजे के बाद खाना बानयें। जब तेज हवा चल रही हो तो खाना नहीं बनाये।
. चुल्हे में आग जलाने से पहले सभी जरूरी सामान जुटा लिया जाय ताकि जलता चूल्हा छोड़कर इधर-उधर न जाना पड़े।
• जहाँ पर भोजन बनाया जा रहा है, उसके आस-पास कोई भी सूखे जलावन का ढेर नहीं रखा जाये।
. भोजन बनाने के बाद चूल्हे के आग को पूर्ण रूप से पानी डालकर बुझा दिया जाये।
• रसोई घर (खासकर फुस) को अग्निरोधक बनाने के लिए फुस के दिवारों पर गिली मिट्टी, गोबर एवं चालु का लेप अवश्य लगाया जाये।
. रसोई में कोई भी ज्वलनशील पदार्थ का ढेर नहीं रखा जाये।
• दीप, लालटेन, मोमबत्ती, ढिबरी आदि को ऐसी जगहों पर नहीं रखा जाये जहाँ से गिरकर आग लगने की संभावना हो।
. राख फेकते समय यह सुनिश्चित कर लिया जाय किय उसमें कोई चिंगारी नहीं है।
. राख को खर-पतवार से अलग एक गड्ड़े में फेका जाये।
. घर में हमेशा अग्निरोधक पदार्थ जैसे कि पानी, बालू, सुखी मिट्टी, धूल इत्यादि जमा कर रखा जाये।
. रोशनी के लिए बैटरी वाले संयंत्र जैसे टार्च, इमरजेन्सी लाईट आदि का प्रयोग किया जाये।
• जल स्त्रोतों के पास पंपिंग सेट/बोरिंग कनेक्टर एवं अटेचमेंट के साथ तैयार हालत में रखने हेतु समुदाय को प्रेरित किया जाय ताकि आगलगी होने पर जल की व्यवस्था आसानी से हो सके।
• यदि आस-पास कोई तालाब या अन्य जलस्त्रोत हो तो वहाँ से खलिहान तक पाईप (सिंचाई में उपयोग आनेवाला पाईप) और पम्प सेंट तैयार रखने हेतु ग्रामीणों को प्रेरित किया जाये।
• हाई वोल्टेज तारों के नीचे तथा ट्रान्सफॉर्मर के पास सुखी फसले खरपतवार को नहीं रखने हैं ग्रामीणों एवं किसानों को प्रेरित किया जाये।
. थ्रेसर का इस्तेमाल करते समय उसके पास पर्याप्त मात्रा में पानी रखा जाये। थ्रेसर मालिक व सूचीकरण अद्यतन किया जाये।
• थ्रेसर चलाने में उपयोग आने वाले डीजल इंजन या ट्रैक्टर के धुआँ वाले पाईप (साईलेंसर) हवा की दिशा में अनाज का बोझा नहीं रखा जाये।
• खलिहान के आस-पास बीड़ी, सिगरेट न पीयें और न किसी को पीने दें।
• बिजली के तार के किसी भी जोड़ को दीला या खुला न छोड़ने एवं नंगे बिजली के तार नीचे खलिहान नहीं लगाने हेतु प्रेरित किया जाये।
• मच्छरों से बचने के लिए पशु घर में घुरा नहीं लगया जाये।