हिन्दी दिवस
बचपन निज भाषा से साक्षर हुआ
ज्ञान दात्री देवी
हिन्दी भाषा को प्रणाम।।।
कबीर के दोहे को बाधँती
प्रेम के धागों को
कर लूँ प्रणाम।।।
कामायनी का शब्द शब्द माणिक मोती
करुँ मान सम्मान।।
महादेवी की नीर भरी बदली
मन में नयन में बरस पड़ी
भीगे शब्दों के अर्थ को प्रणाम।।।
तुलसी के मानस ने
जन जन में भक्ति भाव जगाया
पावन भावना को प्रणाम।
शहद शहद घुले
मीरा के पदो का
करूँ बारम्बार प्रणाम।।
भारत के मस्तक का ताज
हिन्दी की गरिमा
सुर्य सा दमके कोटी कोटि प्रणाम।।
■ किरण बरेली