छपरा में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा महाशिवरात्रि महोत्सव का हुआ आयोजन!
सब पर्वों में पर्व महान, शिवरात्रि का पर्व महान जैसे नारों से गूंज उठा सेवाकेंद्र!
नकारात्मकता को त्याग कर सकारात्मकता को अपनाने तथा अपने जीवन के परिवर्तन से समाज में श्रेष्ठ परिवर्तन लाने के लिए दिलाई गई प्रतिज्ञा:
बच्चों को अच्छे संस्कार और अत्यधिक दोस्त बनाने से रोकना चाहिए: सहायक जेल अधीक्षक
सारण (बिहार): प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय सारण द्वारा शिव बाबा को याद करने के उद्देश्य से महाशिवरात्रि महोत्सव कार्यक्रम का आयोजन स्थानीय कार्यालय में मंडल कारा छपरा के सहायक जेल अधीक्षक जितेंद्र प्रसाद गुप्ता और मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी अनामिका दीदी के द्वारा संयुक्त रूप से ध्वजारोहण कर किया गया। इसके बाद बाबा के जन्मोत्सव मनाने के लिए केक काटा गया। इस अवसर पर मंडल कारा छपरा के सहायक जेल अधीक्षक जितेंद्र प्रसाद गुप्ता, स्थानीय सेवाकेंद्र की मुख्य संचालिका ब्रह्माकुमारी अनामिका दीदी, रामायण प्रसाद, बीके वीणा माता, रेणु, माधुरी, धर्मशिला, संगीता, मनोरमा, सुदामा जबकि बहनों में बीके प्रियांशु, प्रिया, पिंकी, अल्का, लवली, ऋषिका, प्रीति, एकता, मीनाक्षी बहने शामिल रही। इस अवसर पर स्थानीय बीके अनामिका दीदी ने कहा कि महाशिवरात्रि का महापर्व कई आध्यात्मिक रहस्यों को समेटे हुए है। यह पर्व सभी पर्वों में महान और श्रेष्ठ है, क्योंकि शिवरात्रि परमात्मा के दिव्यता का यादगार महापर्व है। बुराइयों को छोड़ने के संकल्प को लेकर शिव ध्वजारोहण किया जाता है। जीवन की बुराइयां शिव पर अर्पण करना ही सच्ची शिवरात्रि मनाना है। परमात्मा के अवतरण का महापर्व है, महाशिवरात्रि शिव संदेश अंधकार को मिटाकर ज्ञान की ज्योति जगाने की जरूरत है। क्योंकि परमात्मा के मार्गदर्शन में एक नई दुनिया का निर्माण हो रहा है। मनुष्य आत्माओं के परमपिता परमात्मा शिव है, शिव पर धतूरा नहीं रखना है, बल्कि अपनी बुराइयों को अर्पण करते हुए धतूरा के बदले कांटों के समान बुरी आदतें को अर्पण करना चाहिए। अपने जीवन की समस्याओं को शिव को सौंप कर सद्गुण और सद्ज्ञान की राह पर चलने की आवश्यकता है।
मंडल कारा छपरा के सहायक जेल अधीक्षक जितेंद्र प्रसाद गुप्ता द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित सभी ब्रह्माकुमारी भाई, बहनों और माताओं को पवित्र तरीके से जीने, नकारात्मकता को त्याग कर सकारात्मकता को अपनाने तथा अपने जीवन के परिवर्तन से समाज में श्रेष्ठ परिवर्तन लाने की प्रतिज्ञा दिलाई गई। जीवन को चरित्रवान बनाने वाले कई नारे भी लगाए गए। जैसे - जागो जागो हे इंसान, भारत में आये शिव भगवान, जब छोड़ेंगे पांच विकार तभी मिटेगा भ्रष्टाचार, सतयुग आने वाला है, कलियुग जाने वाला है आदि नारे लगाए गए। वहीं इस दौरान उपस्थित भाई और बहनों को जागरूक किया गया कि वर्तमान समय कलियुग का अंत है। परम पिता ने हम सभी से यह अपील की है कि अपने अंदर के भांग- धतुरे को परमात्मा को अर्पित कर आने वाली नयी दुनिया का जन्मसिद्ध अधिकार प्राप्त करें। क्योंकि अब शीघ्र ही कलयुगी दुनिया का विनाश होकर निकट भविष्य में नया राज्य स्थापित होने वाला है। इसीलिए आप सभी अभिभावकों से विनम्र निवेदन है कि आप अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने का काम कीजिए। ताकि आपका बच्चा देश का होनहार इंसान बन सकें। वहीं बच्चे को एक या दो ही अच्छे दोस्त बनाना चाहिए। नहीं तो संस्कार विहीन समाज का निर्माण हो सकता है। क्योंकि दो से ज्यादा दोस्त होने की स्थिति में छात्रों के पास समयाभाव की कमी होने से भटकाव होने की संभावना बढ़ जाती है।