फाइलेरिया मुक्त अभियान -
हाथीपांव के मरीजों को सकारात्मक प्रभाव देखने से पहले पैर की साफ- सफाई और नियमित रूप से व्यायाम करने की आवश्यकता: सिविल सर्जन
नौतन और दरौली में विभागीय स्तर पर हाथीपांव के 17 मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का हुआ वितरण: डॉ ओपी लाल
पीरामल स्वास्थ्य की ओर से एमएमडीपी किट इस्तेमाल की पूरी प्रक्रिया से कराया गया अवगत:
सिवान (बिहार): फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जिले के नौतन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आकाश कुमार राय जबकि दरौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ लाल बाबू यादव के नेतृत्व में रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता निवारण (एमएमडीपी) किट का वितरण किया गया है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि फाइलेरिया से प्रभावित अंगों की साफ- सफाई के साथ नियमित देखभाल भी जरूरी होता है। ताकि फाइलेरिया के प्रभाव को आसानी से कम किया जा सके। जिन मरीजों के हाथ- पैर में सूजन आ जाती है या फिर उनके फाइलेरिया के हाथी पांव बीमारी से ग्रस्त अंगों से पानी का रिसाव होता है, ऐसी स्थिति में उनके प्रभावित अंगों की सफाई बेहद आवश्यक है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से उनके बीच एमएमडीपी किट प्रदान किया जाता है। जिसमें टब, मग, बाल्टी, तौलिया, साबुन, एंटी फंगल क्रीम आदि शामिल हैं। इसके लगातार इस्तेमाल करने से प्रभावित अंगों के सूजन में भी कमी आती है। लेकिन मरीजों को साफ- सफाई के साथ- साथ नियमित रूप से व्यायाम करने की आवश्यकता होती है। तब जाकर सकारात्मक प्रभाव अनिवार्य रूप से देखने के लिए मिलने लगता है।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ ओम प्रकाश लाल ने बताया कि उक्त दोनों स्वास्थ्य संस्थानों में हाथीपांव के मरीजों को एमएमडीपी किट का प्रयोग करने के लिए पीरामल स्वास्थ्य के पीओसीडी अमितेश कुमार के द्वारा उपस्थित सभी रोगियों को हाथी पांव की साफ़ सफाई और रख रखाव से संबंधित पूरी प्रक्रिया से अवगत कराया गया। ताकि आसानी से उपचार की विधि समझ में आ जाए। नौतन में फाइलेरिया के हाथीपांव के 11 मरीजों के बीच एमएमडीपी किट का वितरण करते हुए उन्हें इसके इस्तेमाल की विस्तृत जानकारी दी गई। इस अवसर पर बीसीएम राजीव कुमार, बीएचआई आदर्श श्रीवास्तव, प्रभात कुमार पाण्डेय, आशा कार्यकर्ता और आशा फेसिलेटर के अलावा कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे। वहीं दूसरी तरफ दरौली सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 06 मरीजों को एमएमडीपी किट देने के साथ ही साफ़ सफाई और देखभाल को लेकर प्रशिक्षित किया गया है। इस अवसर पर वीडीसीओ कुंदन कुमार, बीएचएम अमित कुमार, बीसीएम शशि कुमार, पिरामल स्वास्थ्य के कार्यक्रम प्रमुख राजेश कुमार तिवारी के अलावा कई अन्य अधिकारी और कर्मी शामिल थे।
पीरामल स्वास्थ्य के पीओसीडी अमितेश कुमार ने उक्त दोनों स्वास्थ्य संस्थानों में एमएमडीपी कीट (रुग्णता प्रबंधन और विकलांगता निवारण) वितरण के दौरान इसके इस्तेमाल करने से पहले पैर पर पानी डालना, उसके बाद हाथ में साबुन लेकर उसे हलके हाथ से रगड़ने और जब झाग निकल जाए तो हल्के हाथ से पैर में घुटने से लेकर तलुए तक और उंगलियों के बीच अच्छे से साबुन लगाने को लेकर विस्तार पूर्वक चर्चा की गई। उसके बाद हल्के हाथ से घुटने पर पानी डालकर उसे अच्छी तरह से धोना है, फिर धोने के बाद मुलायम तौलिया लेकर हल्के हाथ से पोछना होता है। इसके बाद पैर में जहां पर घाव हो वहां पर एंटी फंगल क्रीम लगाए। वहीं, मरीजों को बताया कि हाथीपांव के मरीजों को सोने के समय तकिया या गद्दे का इस्तेमाल कर पैर को ऊंचा कर के सोना चाहिए। साथ ही मरीजों व्यायाम करने के लिए भी सलाह दी गई।