हिन्दी महिला समिति, नागपुर ने पर्यावरण संरक्षण को समर्पित भव्य वार्षिकोत्सव मनाया!
— साहित्य, संस्कृति, सेवा और पर्यावरण का अनोखा संगम
नागपुर (महाराष्ट्र): हिन्दी महिला समिति, नागपुर ने अपने वार्षिकोत्सव को इस बार पर्यावरण संरक्षण को समर्पित करते हुए एक प्रेरणादायक एवं भव्य आयोजन के रूप में मनाया। यह आयोजन न केवल एक उत्सव था, बल्कि सामाजिक, सांस्कृतिक, साहित्यिक और आध्यात्मिक चेतना को एक मंच पर समेटने का प्रयास था।
कार्यक्रम की अध्यक्षता रति चौबे ने की, जबकि संचालन की जिम्मेदारी कुशलतापूर्वक निभाई डॉ. कविता परिहार ने। समिति की सचिव रश्मि मिश्रा ने जहां सांस्कृतिक कार्यक्रमों को संयोजित किया वहीं मीडिया प्रस्तुति की भी पूरी व्यवस्था संभाली।
चार क्षेत्रों की प्रतिष्ठित महिला हस्तियों — साधना बक्शी (आध्यात्मिक), संजीवनी चौधरी (सांस्कृतिक), इंदिरा किसलय (साहित्यिक) और इंदिरा चौहान (सामाजिक) — को समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। साथ ही सागर खादीवाला और अविनाश बागड़े विशिष्ट अतिथि के रूप में मंच पर उपस्थित रहे।
संतोषी धूर्वे की आदिवासी नृत्य टीम ने कार्यक्रम की शुरुआत पारंपरिक अंदाज़ में कर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समिति की सदस्याओं द्वारा विभिन्न ऋतुओं पर आधारित नृत्य प्रस्तुति —
ग्रीष्म ऋतु: रश्मि मिश्रा
वर्षा ऋतु: अनीता गायकवाड
शरद ऋतु: किरण हटवार
शीत ऋतु: रेशम मदान
पतझड़ ऋतु: रजनी कौशिक
वसंत ऋतु: निधि अवस्थी
— ने पर्यावरण और प्रकृति के विविध रूपों को सजीव कर दिया।
कार्यक्रम में सुषमा अग्रवाल, उमा हरगन, अर्चना चौरसिया और मंगला भुसारी ने पर्यावरण पर आधारित कविताएं प्रस्तुत कीं, वहीं शुभांगी वाघ, लक्ष्मी वर्मा, छवि चक्रवर्ती ने नृत्य और विमलेश चतुर्वेदी ने गीत (ऑडियो) के माध्यम से उत्सव को रंगमय बनाया। सभी अतिथियों ने कार्यक्रम की मुक्तकंठ से सराहना की। साहित्यकार इंदिरा किसलय ने समिति द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में किए जा रहे कार्यों की प्रशंसा करते हुए इसे महिला सशक्तिकरण और सामाजिक जागरूकता का उत्कृष्ट उदाहरण बताया। आभार ज्ञापन उपाध्यक्षा रेखा पाण्डेय ने करते हुए आयोजन के सफल समापन की घोषणा की। अल्पाहार और जलपान की व्यवस्था में सुजाता दुबे, अर्चना चौरसिया और किरण हटवार ने अपना योगदान दिया। यह वार्षिकोत्सव एक बार फिर साबित करता है कि हिन्दी महिला समिति नागपुर न केवल साहित्य-संस्कृति की संवाहिका है, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति भी सजग भूमिका निभा रही है।