ग्राम रक्षा दल का भविष्य अधर में, धीरज कुमार सिंह ने उठाई आवाज़ — चुनाव से पहले सर्व समाज को राहत की उम्मीद!
पटना/बेगूसराय, 31 मई —
बिहार में ग्राम रक्षा दल की बहाली और स्थायीत्व को लेकर एक बार फिर सियासी हलचल तेज हो गई है। राज्य में सवर्ण समाज सहित सर्व समाज के हितों से जुड़ी इस मांग को लेकर बिहार राज्य पुलिस मित्र संगठन के प्रमुख धीरज कुमार सिंह ने मोर्चा खोलते हुए सरकार से ठोस कार्रवाई की मांग की है।
धीरज कुमार सिंह का कहना है कि ग्राम रक्षा दल केवल किसी एक समाज का नहीं, बल्कि पूरे बिहार का प्रतिनिधि है। उन्होंने कहा, “मैं केवल भूमिहार समाज का नहीं, पूरे समाज का नेता हूं। मेरा उद्देश्य है सबका साथ, सबका विकास। आज भी राज्य के गांवों में ग्राम रक्षा दल के सदस्य पुलिस को जमीनी स्तर पर सहयोग कर रहे हैं, लेकिन उन्हें न तो स्थायीत्व मिला है और न ही कोई पहचान।”
आरटीआई से खुली हकीकत
जब आरटीआई के माध्यम से ग्राम रक्षा दल की स्थिति की जानकारी मांगी गई, तो गृह विभाग ने बेगूसराय सहित कई जिलों में जांच शुरू कर दी। बेगूसराय पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर अनुमंडलों और थानों से रिपोर्ट ली गई, जिसमें स्वीकार किया गया कि ग्राम रक्षा दल के सदस्य कानून-व्यवस्था में सहयोग कर रहे हैं।
विधायकों की ओर से भी उठी मांग
बेगूसराय के विधायक कुंदन कुमार सिंह ने भी विधानसभा में इस विषय को उठाया, लेकिन सरकार की ओर से अभी तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। धीरज कुमार सिंह ने स्पष्ट कहा कि अगर सरकार आचार संहिता लागू होने से पहले इस पर निर्णय लेती है तो यह लाखों युवाओं के लिए एक बड़ी राहत होगी।
फर्जी प्रदेश अध्यक्षों पर निशाना
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कुछ लोग फर्जी तरीके से खुद को ग्राम रक्षा दल का प्रदेश अध्यक्ष घोषित कर भ्रम फैला रहे हैं, जिससे वास्तविक कार्यकर्ताओं को नुकसान हो रहा है और सरकार की दृष्टि भी भटक रही है।
स्थायीत्व और पहचान की मांग
धीरज कुमार सिंह ने सरकार से मांग की है कि ग्राम रक्षा दल को आपदा मित्र, स्वच्छ भारत मिशन या पुलिस मित्र के रूप में स्थायी मान्यता दी जाए। उन्होंने कहा कि पंचायती राज विभाग भी इसे अपनी जिम्मेदारी मान चुका है और उम्मीद है कि कैबिनेट की आगामी बैठक में इस पर सकारात्मक निर्णय लिया जाएगा।
क्या चुनाव से पहले मिलेगा स्थायीत्व?
अब सवाल यह है कि क्या आगामी विधानसभा चुनावों से पहले सरकार ग्राम रक्षा दल को स्थायीत्व देकर लाखों युवाओं को राहत पहुंचाएगी? ज़मीनी स्तर पर कार्य कर रहे इन युवाओं को लेकर जो उम्मीदें बंधी हैं, क्या वे हकीकत में बदलेंगी — यह आने वाला समय बताएगा।